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डूंगरजीयति कागळनो हस्तलिखित ग्रंथभंडार • जैसलमेर दुर्ग ग्रंथान
विशेष नोंध
.... 9000 ....९१३ नंबरनो ग्रंथ अहीं साथे मुकेल छे..
.......ग्रंथ ९१०नी साथे छे.
१९४ | ग्रंथांक ग्रंधन नाम
कर्ता
संवत् पत्र संख्या | झेरोक्ष सी.डी.नं. ९०२ ..पाक्षिकसूत्र....... ९०३ .. व्याकरण की पांच संधिका अर्थ .....
..............१० ९०४ .. प्रतिक्रमणहेतुओ................. ९०५. मेघछंद अपूर्ण ..........
+. १९थी ९०६ .. व्याकरणसिद्धांतरहस्य ............
हेमपरिभाषासूत्रवृत्ति ............. सारस्वत व्याकरण सह टीका .................टीका.क. भट्टमाधव ..... सारस्वत टीका ....................... भट्ट माधव ....
.......... सुबोधिका टीका + सारस्वत टीका ...........चंद्रकीर्ति + क्षेमचंद्र,
1.८१ थी १५९ सारस्वत प्रक्रिया ................. -अनुभूति स्वरुपाचार्य.................१८२१.......... ५३ सारस्वत प्रक्रिया. .अनुभूति स्वरुपाचार्य..
.... ५९ सारस्वत टीका (९१० नी साथे छे)........ -क्षेमचंद्र ................१७६५.८१ थी १५९ ९१४ - हिंसाष्टकसावचूरि
.हरिभद्रसूरि. ९१५ ../लीलावती टीका .........
भास्क राचार्य.......................................... १९.....९१५ +९१७ ..... ९१६ ..सारस्वत माधवी वृत्ति अपूर्ण ..............
... ९५ कल्पलता नामनी कल्पसूत्रटीका .समयसुंदर ............ र.१७६७,ले.१७६८
....९१५+९१७ कल्पसूत्र सह वृत्ति .................. .समयसुंदर ..........................१८२८ पर्युषणाष्टानिका व्याख्यान ..................गुणसुंदरमुनि ............. कल्पांतर्वाच्य ..........
.......समयमाणिक्यगणि...................१७४० समवसरण
माणिक्यनंदन .............. १८५० ९२२ .. त्रिषष्ठी शलाकापुरुष-आदिनाथचरित्र ....... |.जिनरंगगणि..... ........... ૧૮૮૬ ...वासुपूज्य चरित्र..
नथमल.......
१८८३ ...पउमचरिय॑म् .......
-सुमतिमंदन गणि
१६२५ पार्श्वनाथ चरित्र ....
भावदेव सूरि ... ९२६ ... परिशिष्ट पर्व.. हेमचंद्रसूरि ...
-...९२६... ९४५ .. ९२७ ... आदिनाथचरित्र ...
.हेमचंद्रसूरि. ९२८ .. भगवती सूत्र............
प्रजटाका
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.......(१ थी १६ नथी)
812
९२५....
११५००
...पत्र १६मुं नथी. ३५००.
५०१७ ....१५७५२
૧૬૪
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