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कर्ता
विशेष नोंच
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इंगरजीयति कागळनो हस्तलिखित ग्रंथभंडार - जैसलमेर दुर्ग ग्रंथांक ग्रंथर्नु नाम
संवत् पत्र संख्या झेरोक्षसी .डी.न. पंधान७७..भक्तामरवृत्ति
.......शंकरदासमुनि..
........१८७२ ..........४७ ७७८ .. नेमीनाथचरित्र ..........
.........७७८ ....... ३३४ ७०९ ...विवेकमंजरी .............. ७८०..बृहतकल्पवृत्ति (प्रथम खंड) ..................रत्ननंदीगणी .. ७८१ .. वसुदेवहिण्डी (प्रथम खंड) .............. ७८२ .. औपपात्तिकवृत्ति
धर्मसुंदर ......
.............. ७८३ --- औपपातिकसूत्र
व्यवहारभाष्य ७८५ .. ललितविस्तरा सह पंजीका ................. -मुनिचंद्रसूरि .............
७८५+७८६ .......३३६ ७८६ ..-क्षेत्रसमासवृत्ति ............
1....७८५+७८६ ....... ३३६ ७८७ .--आवश्यकसूत्राणी+ सप्तस्मरण + अन्यस्तवन ७८८ ... आषाढाभूति चौढालीया .....
.मानसागरसूरि ........................१९०५ ७८९ ..-समवायांगसूत्र
हर्षविमल मुनि ७९० .. प्रज्ञापनावृत्ति ............................... .जितरंग गणि...
૧૮૭રે ......३०५ ...... ७९० (१,२) ....... ३३७ ७९१ ... रायपसेणीय
.विशालकीर्ती .. .......
.१६७० ७९२ ... प्रज्ञापनाटीका
मलयगिरि
૧૮૬૦
..... ७९२(१.२)........ ३३७ ........१५००० ७९३ - श्रावकानुष्ठान विधि .......
कीर्तिसूरि .......
१४२७ ७९४ ... वैराग्यशतक.....
भर्तृहरि ७९५ .. षड्आवश्यक नियुक्ति ..... ७९६ .. हितशिक्षाद्वात्रिंशिका ......
.क्षमा कल्याण ७९७ .. सिंदूरप्रकरटीका ............
हर्षकिर्तीसूरि ७९८ ...सिंदूरप्रकरसुभाषित ... ७९९ -- वसुधारा ८००... आवश्यकविधि ८०१...महानाटके रामविजय सुभाषित ...............कालिदास .... ८०२... शृंगारनैराग्यतरंगिणी सुखबोधिका वृत्ति.......सोमप्रभाचार्य .. ८०३ ..जीवविचारटीका ..............................युक्तिधीरगणि........................१८७२
... १८८९ ---
Rouge
१५७२
....२५५०
१७९७
-गुणहर्ष
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