________________
झेरोक्ष
सी.डी.नं.
ग्रंथान
विशेष नोंध
.१०४... १६१.......!
---.........
व
:
डूंगरजीयति कागळनो हस्तलिखित ग्रंथभंडार - जैसलमेर दुर्ग : | ग्रंथांक ग्रंथर्नु नाम
कर्ता
संवत् | पत्र संख्या | १०१ सागरोपमग्रंथ ............... १०२-ठाणांगसूत्रगाथा .......... १०३ .. नारचंद्र (ज्योतिष ग्रंथ) अपूर्ण ............... १०४ .. अर्हन्नामसहस्रसमुच्चय ..... ............पं. मोतीचंद ..... ...................१८९७ ...........११ १०५ ... पौषधविधि ........ १०६ ... कुमतिउत्थापन ........... १०७ .. उपदेशमाला सह टब्बार्थ च कथाओ...........शांतिविजय ...........................१८२४
........१०९ १०८ . पृथ्वीचंद्रगुणसागरचरित्र.......................लब्धिसागर ...... ...................१८२४ ..........२११ १०९ ...जंदूकुमारना पांच भव.... ११० ... नवकार बालावबोध ....
.......सत्यमूर्ति .................१८६० १११ ... कल्याणमंदिर स्तोत्र ११२ .. आराधना (यति)............... ११३ ... पांच पांडव चौपई अपूर्ण .................. ११४ ... विचारवाद संग्रह + आवश्यक लघुवृत्ति ...... ११५ ... शत्रुजयरास अपूर्ण ................ ११६ - बृहत्स्तोत्र अपूर्ण ................. ११७ ... यीशस्थानकविधि अपूर्ण....................... ११८ ... श्रावककरणी स्वाध्याय ........................जिनहर्षगणि..... ...................१८६२ ११९ ..जीवाजीव विचार बोल १२०..नवतत्त्व ..... १२१.. सठ शलाका गीत ............... १२२ .. चातुर्मासिक व्याख्यान ...................... १२३ ..सत्तावीश बोलथोकडा संग्रह ... १२४ .. विचारसूत्र पत्रिंशिका (दंडकसूत्र)..........गजसार, ले-अमरविजय ........... १२५ ..नवतत्व सह टब्बार्थ ...........
रंगविजय. १२६ .. संग्रहणी (श्रीचन्द्रीय) सह वृत्ति अपूर्ण ..... १२७ ... जीवाजीवविचारप्रकरण सह वृत्ति .......
.....................१८५०..........३०
..........१-२ पार्नु नथी
26.
Jain Education International
For Private &Personal Use Only
www.jainelibrary.org