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जिनभद्रसूरि कागळनो हस्तलिखित ग्रंथ भंडार - जैसलमेर दुर्ग झेरोक्षसी .डी. ग्रंथान | विशेष नोंध
संवत
संस्था
।
स्थिति कर्ता
भाषा मध्यम ............. .................. गू.....
............................ सं. ........................... प्रा.गू.
૧૮૨૬
१३१ .६३ ..३८
.......... पत्र ३७ मुं नथी.
--....७७८७ .....२३३ सुधी ...२१६७ (१.२) ..... २३४-३६५ 1...२१६७ (१.२).......... १६०००
.... श्यामाचार्य ...............
मलयगिरि ............... श्रेष्ठ .... मलयगिरि -यू...........
.............२५८
२१६०/२.
૧૮૨૬ ૧૮૮૪ १५७१
२१६९ ...
.४८८०
२१७१...२८९ २१७२ ...........१२०००
र.
१५४ । ग्रंथांक
ग्रंथर्नु नाम२१६२ ....... कोकदोहासंग्रह ..................... २१६३ .....
सप्तव्यसनकथा पद्य ............... २१६४ ..... -बृहत्क्षेत्रसमास सस्तबक २१६५ .... उपदेशमालाप्रकरण ..... २१६६ .... प्रज्ञापनोपांगसूत्र ......... २१६७/१.. प्रज्ञापनोपांगसूत्रवृत्ति......
प्रज्ञापनोपांगसूत्रवृत्ति..... २१६८ ... लघुजातक ............
जीवाभिगमोपांगसूत्र .... गोयरिगवयरिरूपविचार ....... वासुपूज्यजिनचरित्रमहाकाव्य ...... उत्तराध्ययनसूत्र सुखबोधावृत्तिसह .... हनुमत्राटक सिद्धान्तकौमुदी पूर्वार्ध अपूर्ण कल्पसूत्रसंदेहविषौषधिवृत्ति, दशर्यकालिकसूत्रलघुवृत्ति निरुक्तिकांड............ प्रशमरतिप्रकरण....... चिंतामणि ............. Jटक पानाना टूकडा.... संकाशकथानक ........
व्याकरणन्यायसंग्रह .... २१८३/१. कौतुकमंजरी ....... २१८३/२... कौतुकमंजरीटीका ..... २१८४ ... कविशिक्षा .....
आलोचनाविधि अपूर्ण ... २१८६ ....... कर्पूरप्रकरवृत्ति अपूर्ण ...
१४८२ ११२९. १६३५
आपत्ति ..........
जीर्णप्राया वर्धमानसूरि जीर्णप्राया नेमिचंद्रसूरि -वृ... जीर्ण... हनुमंत मध्यम. जीर्णप्राय जिनप्रभसूरि .. जीर्णप्राया सुमतिसूरि . मध्यम मध्यम ... उमास्वातिवाचक. मध्य म ............
२१७५... २९०/....३५४१
ર૧૭૮
जीर्ण... सर्वलाभगणि........... जीर्ण ..... श्रेष्ठ ..... जयचंद्रसूरि ............
..२१८३..२१९७१.२८९ ..... १४२ ..२१८३..२१९७२८९
३-५
4.
...५२५
4.
२१८५.
.... उंदरे करडेली छे.
4.
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