________________
जिनभद्रसूरि कागळनो हस्तलिखित ग्रंथ भंडार - जैसलमेर दुर्ग झेरोक्षसी .डी ग्रंथान
विशेष नोध
जीर्ण...
श्रेष्ठ....
मिश्रित
१४८ | ग्रंथांक ____ ग्रंथनुं नाम स्थिति
भाषा संवत । पत्र संख्या । २०४८ ...... बाग्भटशारीरस्थान......
.....गू..............१७१५..... २०४९ ..... अभिधानचिंतामणिनाममाला ....
......... १७२१ २०५० ..... योगविधिआदि....... बिहारीसतसइयां ......
मध्यम .. बिहारीदास ........... आराधना ...........
मध्यम .... स्तवनचोवीसी...........
मध्यम .. ज्ञानविमल ........... बृहत्संहितागत अधिकार ..
मध्यम.. देशकालस्वरूप....
श्रेष्ठ .... हेमवातुपाठ......
मध्यम... भोजराजकथा ......
मध्यम आगमसारबालावबोध
देवचंद्रजी लिंगानुशासन ..........
हेमचन्द्राचार्य शक्रस्तवाम्नाय................... २०६१ ... स्व रोदय ............................ २०६२ प्रश्नोत्तरसार्धशतकभाषा................. २०६३.......सामायिकबत्रीसदोषसज्झाय...........मध्यम... गुणरंग .............. २०६४ ........सज्झायसंग्रह ........................... मध्यम.. २०६५...... सत्तरभेदीपूजा ..........................श्रेष्ठ....साधुकीति............... .......... र.१६१८ २०६६ ..... अष्टयोगिनीअंतर्दशा .................. २०६७ .....
अंतर्दशाकोष्ठक ...... आवश्यकपीठिकाबालावबोध ...... श्रेष्ठ..... संवेगदेवगणि ........ ग. ले.१५५७.र.१५१४ मार्गगत्यध्ययन सावचूरि ......... मध्यम ... पासाकेवली
जीर्ण त्रिपताकीचक्रोदाहरण....
मध्यम नृसिहकवच .....
मध्यम २०७३ नवकारनो अर्थ
जीर्ण २०७४ .... जिनागमगाथासंग्रह ...
मध्यम... रत्ननिधान
.......
...... १८१०
mms
जीर्ण ...---...जीर्ण..........
Jain Education International
For Private & Personal use only
www.jainelibrary.org