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संवत्
जिनभद्रसूरि कागळनो हस्तलिखित ग्रंथ भंडार - जैसलमेर दुर्ग पत्र संख्या झेरोक्ष सी.डी ग्रंधान विशेष नोध
.. २३ ............१५९७ - २८४
१-४, १५९४.. १६०० + २८४...गा.८८
१५९४.. १६०० - २८४ १५९४.. १६००.. गा.१०३ १५९४., १६००..२८४
A4:58
ग्रंथांक | ग्रंथन नाम
| स्थिति कर्ता भाषा ..................... श्रेष्ठ ....सोमप्रभाचार्य -मू..........सं.!
..टी.क.हर्षकीर्तिसूरि १५९८ .....- सिंदूरपकर अवचूरि किंषिवपूर्ण ......... मध्यम ......... १५९९/१....आदिनाथदेशनोद्धार .................... श्रेष्ठ......... १५९९/२....आत्मभावनास्तव ....................... श्रेष्ठ ....पार्श्वनाग.... १६००/१....भववैराग्यशतक .................... श्रेष्ठ ..... १६००/२...-जिनस्तुति ................... श्रेष्ठ.... १६०१ ...... 'भववैराग्यशतक सस्तबक ...... मध्यम १६०२ .....
गौतमपृच्छा बालावबोधसह ...... जीर्ण गुणस्थानकप्रकरण वृत्तिसह .......... मध्यम ...रत्नशेखरसूरि स्वोपज्ञ.... दानादिकुलकबालावबोध अपूर्ण ....... जीर्ण श्रावकदिनकृत्यप्रकरण............. गौतमकुलक सस्तबक ................
जीर्ण गौतमकुलक सस्तबक ..................मध्यम ......... गौतमपृच्छा ............................. श्रेष्ठ.......... ईरियापथिकीकुलक सस्तयक .......... मध्यम ......... प्रश्नोत्तरर्तनमाला सस्तबक ............ जीर्ण ... विमलाचार्य ...... सिद्धमातृकाप्रकरण ................ मध्यम ..... वष्टिशतप्रकरण ................ श्रेष्ठ.... नेमिचंद्र भंडारी... वीतरागस्तोत्र ................. श्रेष्ठ....हेमचंद्राचार्य..... यीतरागस्तोत्र ..........
हेमचंद्राचार्य ..... वीतरागस्तोत्र सावचूरि
जीर्ण.. हेमचंद्राचार्य -मू......... भावारिवारणस्तोत्र ..
जीर्ण जिनवल्लभगणि .......... प्रा भावारिवारणस्तोत्र सटीक
जिनवल्लभसूरि मू.
टि.जयसागरसूरि ....... प्रा. १६१८....
उल्लासिक्कमरमरण सस्तबक नमिऊणस्तोत्र सस्तबक .
... जिनवल्लभसूरि -उ. .....प्रा.गू६१९ ......दुरियरयसमीरस्तोत्र...
श्रेष्ठ .... जिनवल्लभसूरि ........... प्रा.
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मू.गा.२० मू.गा.२०
गा.६४
22488882
..१६११... २८४
१६१३ थी १६१५ - २८४
थी १६५५ .२८४ १६१३ थी १६१५ - २८४
.....१६१६ -.२८४
श्रेष्ठ
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