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VIII - Illustration
दादा साहेवजिनदत यूरिजीमहाराज की
- चादर गोल गड़ा एवं मह पता.
देवलोक होने पर अनि संस्कार के समय धारण बस्त्र अग्नि से नहीं जले सो अजमेर से पारण गये वहाँ से जैसलमेर लाकर सुरक्षित रखे।
विमलनाथजी मंदिर का उपासरा (दालोतपाडा-जैसलमेर)
लोद्रवा जैन मंदिर में कमलबंध शिलालेख
पूज्य श्री जिनदत्त सूरिजी महाराज की चादर, चोलपट्टा एवं मुहपत्ति,
जो अग्नि संस्कार के समय जली नहीं
(जैसलमेर ज्ञान भंडार)
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