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संवत
पत्र संख्या
विशेष नोंध
.........१४७३
झेरोक्षसी .डी ग्रंधान
ग्रं.२००० गा.३०१
गा.११६४
गा.90
गा.५२
गा.५०
जिनभद्रसूरि कागळनो हस्तलिखित ग्रंथ भंडार - जैसलमेर दुर्ग | ग्रंथांक ग्रंथन नाम । स्थिति
भाषा ७८२......... बंदारुवृत्ति-भावकप्रतिक्रमणसूत्रवृत्ति ....जीर्णप्राय देवेन्द्रसूरि ...... ......पुरंदरचतुष्पदी
मध्यम ...मालदेव .. जीवविचारप्रकरण सस्तबक अपूर्ण .....जीर्णप्राय ..... द्वादशव्रतविचार .........................जीर्ण.... ओघनियुक्ति ............
श्रेष्ठ..... भद्रबाहुस्यामि दर्शनसप्ततिकाप्रकरण .................. मध्यम ......... ब्रह्मतुल्यज्योतिष ........................ द्रव्यसंग्रह .............................. श्रेष्ठ ..... नेमिचंद्र भंडारी... अनुत्तरौपपातिकदशांगसूत्र ..............श्रेष्ठ ......... स्थविरावली ....................... मध्यम ... कुमारसंभवमहाकाव्य अवचूरि त्रू.अ.....मध्यम ... कल्पसूत्रबालावबोध अपूर्ण............ जीर्णप्रायः कल्पसूत्रबालावबोध
श्रेष्ठ.... स्थानांगसूत्रचतुर्थस्थान सस्तबक अपूर्ण श्रेष्ठ ..... रत्नाकरावतारिका अपूर्ण
श्रेष्ठ..... रत्नप्रभाचार्य ७९७....... भक्तामरस्तोत्र ....................
जीर्ण .... मानतुंगसूरि ..... ७२८/१ ... एकविंशतिस्थानप्रकरण
सिद्धसेनसूरि ........... ७२८/२.. विचारपट्त्रिंशिकाप्रकरण सायचूरि ... ..........गजसारमुनि स्वोपज्ञ ... प्रा.सं.....
पंचपाठ ७९८/३ . प्रश्नोत्तररत्नमलिका अपूर्ण............. श्रेष्ठ .... विमलाचार्य ............... सं.. धर्मरत्नप्रकरण हवृत्तिसह पू.अ. .....श्रेष्ठ.... शांतिसूरि मू.. ......... प्रा.सं.
........... देवेन्द्रसूरि -. .......... सप्ततिशतस्थानप्रकरण सस्तबक अपूर्ण श्रेष्ठ.........
प्रा.गु. गाथाकोश.
जीर्णप्राया
-प्रा.. श्रीचंद्रीयसंग्रहणीप्रकरण
जीर्ण ....श्रीचंद्रसूरि ............. भक्तामरस्तोत्र ........
श्रेष्ठ .....मानतुंगसूरि ........... भक्तामरस्तोत्र ......
मध्यम ...मानतुंगसूरि ८०५........ भक्तामरस्तोत्र सार्थ .................. जीर्णप्राय मानतुंगसूरि मू.........
७९६ ---
......... प्रति चोंटेली ....का.४४ ...गा.६६
१२-१४ ६५-२३५
७९-१६०, १७६-१८४, १९२, १९३, १९७-२०३ नथी १४ थी २२ नथी
प्रति पाणीमां भीजाएली छे
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