________________
६. प्रशस्तिगत-ग्रन्थादिनाम्नामनुक्रमणिका
उपसगहरस्तव १०१ -स्तववृत्ति १०१
-स्तोत्र १०३ उपासक १९६ -दशांगसूत्र ३१ उववाइसूत्र ३२, ३३, ३५ ऋषभदेवस्तोत्र ९२ ऋषभवीरस्तव २८१ ऋषभस्तव २८७ ऋषिपंचाशिकावृत्ति ११८ ऋषिमण्डल ३१० एकाक्षरनाममाला ३९६ एकाक्षरीनाममाला ३९७ ओघनियुक्ति-अवचरि ८९ -टीका ८९ ओंकारग्रन्थ ४२३ औपपातिकसूत्र ३२, ३३, २९६ औष्ट्रिकमतोत्सूत्रप्रदीपिका १८५ औट्रिकमतोत्सूत्रोद्घाटनकुलक १८५ कणादसूत्र १३ कथानकमहाकोश २९२ कथामहोदधि २२० कप्प ५८ कम्मपयडीबत्तीसी १७७ करणकूतूहलवृत्ति ४२८, ४२९ कर्पूरप्रकर २२० -टीका ३५३ -°ण बाला
वबोध ३५३ कर्पूरमंजरी प्रकरण ३३९ कर्पूरमंजरीसाटकावचूरि (?) ३३९ कर्मग्रन्थ १७२, -अवचूर्णि १७२ - बालाव.
बोध १७३ -(प्रथम) बालावबोध १७४ - (चतुर्थ) बालावबोध १७३ - विचारा
वचूणि १७२ - सूत्रार्थ १७४ कर्मप्रकृति १३५ -टीका १७६ कर्मविपाक १७४ कर्मस्तवप्राकृत विवरण १७६ कलिंग ३६९ कल्प ७४, २६०
कल्पकल्पवृक्षस्तबकार्थ-वृत्ति ५४ कल्पदीपिका ५२, ५३ कल्पवालबोध-सप्तव्याख्यानपद्धति ५८ कल्पलता-कल्पसूत्रवृत्ति ५२, ५६ कल्पवाचना ५८ कल्पवार्तिक ५६ कल्पवृत्ति ३६० कल्पव्याख्यानपद्धति ५६ कल्पसिद्धान्त (कल्पसूत्र) ५५ कल्पसूत्र ५१, ५१, ५४, ५६, ५७, ५९,
२६० -टबा ५७ -टबान्तर्वाच्य ५५ -टबार्थ ५५ -टवु ५५ -बालावबोध
५५, ५६, ५८-स्तबुक ५५ - वृत्ति ५२ कल्पसूत्रावचूरि ५५ कल्पान्तर्वाच्य ५५, ५९, ६०, ६१ - स्य
व्याख्यान ५७ - शीघ्रबोध ५४ कल्याणमंदिर ९१, ९६, ९७, ९८, - स्तव
२८१, २८७ -स्तोत्र ९७ ९८ -
स्तोत्रार्थ ९९ -स्तोत्रव्याख्या ९७ कवचद्वार ४७ कविकल्पद्रुम ३७०, ३८६ कातंत्रविभ्रम ३८४ कातन्त्रविभ्रमावणि ३८५ कातंत्रावचूर्णि ३८५ कार्तिकपंचमी १०६ कात्यगृह्यसूत्र ४ कायस्थिति २०६ कार्तिकेयसौभाग्यपंचमीमाहात्म्य २२५ कालिकाचार्यकथा ५९ काव्यकल्पलता-कविशिक्षावृत्ति या काव्यकल्प
लतिका-वृत्ति ४१४ काव्यसंग्रह-सुभाषितसूक्तावली ३५४, ३५५ काशिकावृत्ति ३६५ किरातार्जुनीय २७७ क्रियाकलाप ३८८
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org