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________________ चतुर्थं परिशिष्टम् सं. १८०९ रा पोस सुदि ४ दिने संभवनाथजीरे देहरै पुस्तकरो भंडार छै तिण पुस्तकरी टीप लिखीजे छै श्रीजेसलमेरुमै छै १२१ १ शतकवृत्ति २ न्यायावतार ३ प्रमाणव्यवस्था ४ काव्यालंकारसार ५ कातंत्रावतारटीका ६ आगमपरिच्छेद ७ राम काव्य ८ अंगविज्जापुस्तक ९ तर्कप्रकरण १० महादेवटिप्पन ११ न्यायग्रंथ तीजी गांठडीमें ए २२ परता छै पत्र २३८ १२ कृतपुण्यचरित्र , २३० १३ क्षेत्रसमासटीका १४ .........चरित्र १५ न्यायबंधटीका २०९ १६ चंद्रोद्योतकाव्य १६६ १७ वंदनविधान १४४ १८ वंदनसूत्र १९ कर्मग्रंथटीपणी १२४ २० किरातसूत्र २१ नैषधसूत्र स्वर्ग ५ ,, ३४९ २२ न्यायटीका २९९ १ कमलशील २ संघाचारपइन्ना ३ निशीथचूर्ण ४ जंबूदीवपन्नत्ती ५ ज्ञाताधर्मकथादिषडंगीविवरण ६ कल्पलताविवेकालंकार पत्र ३१३ ७ उपदेशपदटीका २९४ ८ समवायांगसूत्रटीका ९ नैषधटीका विद्याधरी , २३३ १० हैमचंद्रकृता लिंगादिवृत्ति ११ पृथवीचंद्रचरित्र ,, ३८९ १२ भगवतीवृत्ति ए प्रति १२ चोथा आंकरी गांठडीमांहि छै। 5.WWS. AN २५५ २२९ س १ स्यादवादकरीकर जैनतर्क ८ आदिचरित्र प्राकृत २ पन्नवणासूत्ररी टीका ९ पंचाशकवृत्ति ३ जीवाभिगमटीका १० पंचकल्पभास्य ४ मुनिसुव्रतचरित्र ११ आवश्यकचूर्ण ५ क्षेत्रसमासटीका " २३८ १२ वृहत्कल्पभाष्य ६ धर्मरत्नकरंडक २५० १३ आवश्यकचूर्ण ७ पिंडनियुक्तिविवरणटीका २४१ १४ ओघनियुक्ति एतली परत पांचमा आंकरी लांबा पानारी गांठडीमांहे परत छै १५ छै। ००० " १५७ و لم ४४२ १०९ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.018005
Book TitleCatalogue of Sanskrit and Prakrit Manuscripts Jesalmer Collection
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1972
Total Pages522
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size10 MB
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