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________________ किम् श्रेष्ठी 4 4 . हु । 1854 ग्राम २८२ १०, १८ २७९ श्रेष्ठी ४३४ जेसलमेरुदुर्गस्थशानभंडारग्रन्थसूचीगतानां [तृतीय विशेषनाम पत्रांक विशेषनाम किम् पत्रांक वीरमपुर नगर ३१० व्यक्त गणधर ११७ वीर मंत्री व्याडि ग्रंथकार वीरवती श्रेष्ठिनी व्यास गोत्र २७८, ३१४ वीरश्रेष्ठी व्रतोत्सव वीरसद्म चत्य १७१ वीरसिंह उपाध्याय २३० वीरसूरि ८५, ८६, १०१ शतपत्रप्रामे नेमिपार्श्वयोर्बिम्बे १०३ वीराई श्रेष्ठिनी ३५० शत्रुजय तीर्थ ५, ६४, १७९, २६८, वीरातरा २२० २९४, ३५०, ३५९, ३६०, वीरी श्रेष्ठिनी २६२ वीरोधी शत्रुजयदेवदेवकुलिका वील्ह श्रेष्ठी ११९, १७९ शमि श्रेष्ठी वीसल राजा शय्यभवसूरि २९, ८७, ११७, ३५९ ८६ शरणिग श्रेष्ठी ८४, ८९ बूटिक नगर शव १२५ वृद्धखरतरवेगडगच्छ २२६, २४४ शशधर कुल वेगडगच्छ २००, २०१, २१४, २५४, ३०३ शशांकधर पंडित १६२ वेगडविरुद २१९, २२०, २२४, २४४ शंकर भट्ट १६२ वेजयंत देवलोक शंखलवाल १९१ वेडू श्रेष्ठी १७८ शंखवाल २९४ वेणीदास लेखक ३५६ शंखेश्वरापार्श्वनाथ २२७ वेन्नातट नगर ३२३ शंभवनाथदेवगृहस्थापनामहे राजती मुद्रां प्रददौ १९४ वेल(सी) श्रेष्ठी २६२ शंभु २६८ वेल्लक ३९, ८५ शाकंभरि १३६, १५५ वेल्हक १२४ शाखा २०४, ३००, ३२२ वेहक लेखक शालिग श्रेष्ठी १०३ वैर श्रेष्ठी शालिभद्र २९, ११२ वैरसिंह ७१ शालिभद्रसूरि ७०, ८५, १२३ वैरिसिंह राजा १८. शाश्वत ग्रंथकार वैरोव्या शांतमती गणिनी साध्वी वैशेषिक संप्रदाय १६० शांति श्रेष्ठी वैसट शांतिजिनप्रासाद २४१, २५१ वोडसिंह १०३ शांतिनाथ तीर्थकर १००, १४३ वोसरि ८४, ८८ शांतिनाथबिम्ब ९४ वोहडि १६, ८३ शांतिनाथमंदिर १०० गोत्र sf : ४ 4.4 " १३० देवी ५२ श्रेष्ठी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.018005
Book TitleCatalogue of Sanskrit and Prakrit Manuscripts Jesalmer Collection
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1972
Total Pages522
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size10 MB
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