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________________ श्रेष्ठी १६६ १०१ १०१ - श्रेष्ठी गोत्र ९२ ३३० जिन श्रेष्ठी ३१० ७८ पुण्यिनी કરછ जेसलमेरुदुर्गस्थशानभंडारग्रन्थसूचीगतानां [ तृतीयं विशेषनाम किम् पत्रांक विशेषनाम किम् पत्रांक पंचमी उद्यापन १७९ पासड ९१, ९२ पंचशिख महर्षि पाससामिजिणभवण पंचाइण मंत्री श्रेष्ठी २५४ पासुक श्रेष्ठी ८५. ८६ पंचानन विप्र लेखक १८९, ३१५ पाहिका श्रेष्ठिनी पंचासर प्राम १०६ पाहिनी पाजाक श्रेष्ठी पाहिल लेखक पाणिनि महर्षि १५९ पांचाणी गोत्र २५२ पातू श्रेष्ठिनी १०३ पिङ्गल पं. १३३, १३४ पादरा ग्राम पील्हाक पारि पुण्य पारीख २५२ पुण्यप्रभसूरि पारुत्थ नाणक पुण्यवल्लभ उपा० २९३ पार्श्व १४२ पुण्यसागर उपा० १८४, १९०, १९१, २९६ पार्श्वकुमार ९३, ९४ पुण्यसिद्धि गणिनी साध्वी पार्श्वचंद्रगणि मुनि-लेखक श्रेष्टिनी पाश्वठक्कुर पुनिणी ३६१ पार्श्वतीर्थ ३५२ पुन्नाग श्रेष्ठी १०, १८ पावतीर्थशदेवगृहक १४३ पुन्नी श्रेष्ठिनी पाश्वदत्त श्रेष्ठी ९१, ९२, १७९ पुरा आरज्या साध्वी २४६ पाश्वदेवजन्मकल्याणक श्रेष्ठिनी १७९, १८० पार्श्वदेव मुनि लेखक पाश्वदेव श्रेष्ठी १०२, १०३ पुरुषोत्तमदास पार्श्वनाग Jष्ठी ७३, ८८, १०४, १३१ पुरोहित ज्ञाति १४, २०, ४१, ४६ पार्श्वनाथचैत्य १०२, १०६, ११५, १९४, २५४ ६७, १३४, १५७, ३०२ पार्श्वनाथ तीर्थकर ३६, ९४, ९८, १००, १४१, पुंजराज श्रेष्ठी १९१, २७२, ३२. पुंजी श्रेष्ठिनी १७९ पावनिकेतन पुंडरीक गणधर ९८, २१८ पावनेतुः सदन पूनपाल श्रेष्ठी पार्श्ववीर श्रेष्ठी पूनसिंह ७१, ८४ पावसाधु १४३ पूनसी १९४, ३६४ पाविलगणि पूनाई श्रेष्ठिनी पालउद्र ग्राम पूनाक श्रेष्ठी पाल्हण ठक्कुर १७. पूर्णकलशगणि ११५, १४२ पाल्हणसिंह पूर्णतल्ल गच्छ १४८ पावटी नगर ३१९ पूर्णदेव १७२ पुरुषाक ३०२ १९४ ७ १२० श्रेष्ठी श्रेष्ठी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.018005
Book TitleCatalogue of Sanskrit and Prakrit Manuscripts Jesalmer Collection
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1972
Total Pages522
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size10 MB
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