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________________ लेखक परिशिष्टम्] विशेषनाम्नां अकारादिवर्णक्रमेण सूची विशेषनाम किम् पत्रांक विशेषनाम किम् पत्रांक देवभद्रसूरि ५, ५८, १०२, ११४, २७९ धन्य श्रेष्ठी ११२, १७९ देवमूर्ति उपाध्याय धन्यराज २७० देवराज धन्या श्रेष्ठिनी १०, १९ देवराज श्रेष्ठी ३६० धन्यादेवी २७० देवराजपुर नगर १७९, २८४ धरणविहार प्रासाद २५३ देवविजयगणि २४२ धरणाक श्रेष्ठी १-३, ५, ७, ९, ११, देवश्री श्रेष्ठिनी ३६, ८१, ११६ १४, १७, १८, २०, देवसार पं० मुनि १९४, ३६४ २२, २३, ३१-३५, ४१, देवसिंह मंत्री २, १७१, १७२ ४६, ४७, ६७, १३४, देवसुंदरसूरि ३०२, ३०८ १५७ देवसूरि ८६, ८७, ९१, ११७, १२१, १८० धरणिग १०३ देवाउ महं. धरणिद्धय विद्याधर १०० देवानंद गच्छ धरणिद श्रेष्ठी २५३ देवानंदरि ७१, १०२, १५३ धरणीधरशाला वसति ६४ देवा भणसाली धरणेन्द्र देव १०७ देविणी श्रेष्ठिनी धरसेन राजा १४१ देवीदास राजा २०६ धरावास नगर १६, १७, २५४ देवेन्द्रसूरि ७९, ९५ कुल १०३ देसल १७३ वंश ४, २९, ८१. १३१, दोसी गोत्र श्रेष्ठी श्रेष्ठो १०३ धर्कट श्रेष्ठी धर्म १९२ ध m . लेखक श्रेष्ठिनी मंत्री मुनि २९३, २९४ १०१ १४३ श्रेष्ठी ६४ धणचंड धणदेवी धणपति धनदेव धनदेव धनपति धनपाल धनपाल धनराज धनसिंह धनेश्वरसूरि ঘম্বাই धर्मकीनिगणि १०२ धर्मघोष __ गच्छ २५६ धर्मघोषसूरि ७२, ७७, १७०, ३६२ धर्मचंद लेखक -मुनि २५५, ३०६ धर्मदास ३५६ धर्मदेव उपा० मंत्री धर्मधीरगणि १८१ धर्मनिधान पं० मुनि धर्मरत्नसूरि २९३ धर्मराज मंत्री २९४ धर्मवर्द्धन गणि १४५ धर्मशाला विश्रामस्थान ३६० धर्मशेखर लेखक-मुनि २०७ ७१, १३० १७९, ३२९ १२, ९२ २५, ३६३ अष्टिनी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.018005
Book TitleCatalogue of Sanskrit and Prakrit Manuscripts Jesalmer Collection
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1972
Total Pages522
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size10 MB
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