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प्रधान संपादकीय
आगम प्रभाकर मुनिराज श्री पुण्यविजयजीना संग्रहनी गुजराती हस्तप्रतोनी सूचिनुं प्रकाशन करतां अमने आनंद थाय छे. ६७१५ हस्तत्रतोनु ९७ विविध विभागोमां वर्गीकरण करी कर्ताना नामना वर्णानुक्रम प्रमाणे प्रत्येक हस्तप्रतनी माहिती आपी छे. आ माहितीमां कृतिनाम, रचनासंवत, लेखन संत, पत्रसंख्या, परिमाण, ग्रंथाग्र, कर्ता परिचय, विशेष नांध अने परिग्रहण संख्यानो समावेश थाय छे.
आ सूचिमां जूनी गुजराती भाषानी अनेक अप्रकाशित कृतिओ छे. आ क्षेत्रमां संशोधनसंपादन करता विद्वानो माटे आ सूचि एक महत्त्वनुं साधन पूरु पाढे छे. जूनी गुजराती भाषामा केटला विविध साहित्यत्रकारो खेडायेला हता अनो ख्याल आ सूचि आपे छे.
आ सूचिनुं संपादन डा. विधात्री बहेन वोराए कर्यु छे, ते बदल तेमने धन्यवाद. तेमणे पंडित श्री अंबालाल प्रेमचंद शाहे रोमन लिपिमां तैयार करेली माहितीपत्रिकाओनो उपयोग करी. नवी पत्रिकाओ गुजराती लिपिमां तैयार करी, विशेष नांधो उमेरी अने वर्गीकरण नवेसरथी कर्यु प्रूफवाचनमा मदद करवा बदल डॉ. र. म शाहनो आभार मानुं छं.
आ सूचिना प्रकाशनमां आर्थिक सहाय करवा बदल भारत सरकारना शिक्षा अने समाजकल्याण मंत्रालयनो हुं अंत:करणपूर्वक आभार मानुं छु ं.
ला. द. भा. सं. विद्या मंदिर
अमदावाद - ३८०००९
२८ जून १९७८
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नगीन जी. शाह
अध्यक्ष
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