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कृति उपरथी प्रत माहिती गणि-जिनदास गणि क्षमाश्रमण, प्रा., गद्य, ग्रं.१८०००, आदि वाक्यः (१) काऊण नमोक्कारं तिथयराणं तिलोयम(२)
नमो अरहन्ताणं।... काऊण नमोक्काहियाणं।...
कृ.विः नियुक्ति ऊपर पण. पातासंघवी २४, पृ. ४०३, आवश्यकचूर्णि, वि-१३७७, संपूर्ण प्रत विशेष- श्रावक अंबडनी खरीदेली. गायकवाड केटलॉगमां लेखन संवत १३६७.
डीवीडी-२३/४२ पातासंघवी ८१, पृ. २७७, आवश्यकचूर्णी, अपूर्ण प्रत विशेष- अपूर्ण
डीवीडी-३२/५० पाताहेसं १५, पृ. २६४, आवश्यकसूत्रचूर्णि प्रथम खण्ड अपूर्ण, प्रतिअपूर्ण
डीवीडी-२/१२ पाकाहेम ६५७९, पृ. ३२८, आवश्यकसूत्रचूर्णि, वि-१४८२, संपूर्ण प्रत विशेष- पत्र ८३मुं डबल छे.
कुल झे.पृष्ठ-३२८ पाकाहेम १००६५, पृ. २६१, आवश्यकसूत्रचूर्णि, वि-१५७४, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-२६२ भांका २७९, पृ. ३४६, आवश्यकसूत्र-नियुक्ति चूर्णि, वि-१७७४, अपूर्ण प्रत विशेष- सूचीपत्र नं.१-१०९०.
डीवीडी-९० आवश्यकसूत्र-(सं.)शिष्यहितावृत्ति (शिष्यहितावृत्ति), (आवश्यकसूत्र-(सं.)बृहद्वृत्ति शिष्यहिता)
आचार्य-हरिभद्रसूरि, सं.,प्रा., गद्य, ग्रं.२२०००, आदि वाक्यः प्रणिपत्य जिनवरेन्द्रं वीरं श्रुतदेवतां गुरून् साधून्।... पाताखेत ६- पे.क्र. ५४, पृ. २५७-२६४, उपदेशमालादि ५४ ग्रन्थो, संपूर्ण प्रत विशेष- शुद्ध प्रति.
कुल झे.पृष्ठ-११०, डीवीडी-६१/६३ पाताहेसं १६, पृ. ५१६, आवश्यकवृत्ति, प्रतिपूर्ण प्रत विशेष- प्रत्याख्यान पर्यन्त. विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका.
डीवीडी-२/१२ पाताहेसं १७, पृ. ३२८, आवश्यकवृत्ति प्रथम खण्ड, प्रतिपूर्ण प्रत विशेष- गा. के. नं. ३७मां विशेषावश्यकवृत्ति एम लखेल छे.
डीवीडी-२/१२ पाताहेसं १८, पृ. ४५२, आवश्यकवृत्ति द्वितीय खण्ड, प्रतिपूर्ण
डीवीडी-२/१२ पाताहेसं १९, पृ. २७७, आवश्यकवृत्ति द्वितीय खण्ड, वि-१४४२, प्रतिपूर्ण
डीवीडी-२/१२ पाताहेसं २०, पृ. २८७, आवश्यकवृत्ति द्वितीय खण्ड प्रत्याख्यान नियुक्ति विवरण, प्रतिपूर्ण
डीवीडी-३/१२ पाकाहेम ७५१४, पृ. ५२३, आवश्यकसूत्र हारिभद्रीया वृत्तिसहित, वि-१७मी, संपूर्ण प्रत विशेष- ग्रन्थाग्र-२२५००.
कुल झे.पृष्ठ-५२३ पाकाहेम १००६६, पृ. ३७०, आवश्यकसूत्रनियुक्ति-भाष्य-शिष्यहितावृत्तिसह, वि-१६मी, संपूर्ण प्रत विशेष- ग्रन्थाग्र-२२०००. प्रथम पत्रमा समवसरण- चित्र छे. पत्र २८४मु डबल छे.
कुल झे.पृष्ठ-३७० पाकाहेम १०३५२, पृ. १५३, आवश्यकसूत्र शिष्यहितावृत्ति सह प्रथमखण्ड, वि-१५९०, प्रतिपूर्ण पाकाहेम १०३५३, पृ. २१४, आवश्यकसूत्र शिष्यहितावृत्ति सह द्वितीयखण्ड, वि-१५९२, प्रतिपूर्ण
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