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कृति उपरथी प्रत माहिती प्रत विशेष- सूचीपत्रमा पत्र संख्या ६५-८१ लखी छे.
कुल झे.पृष्ठ-१७ पाकाहेम १६६५७, पृ.७, विवेकमञ्जरी प्रकरण, वि-१५८९, संपूर्ण प्रत विशेष- रचना संवत-१२७८.
कुल झे.पृष्ठ-८ विवेकमञ्जरीप्रकरण-(सं.)वृत्ति आचार्य-बालचन्द्रसूरि, सं., गद्य, ग्रं.८०००, आदि वाक्यः (१) नाभिनन्दनविभोर्वदनं मुदेऽस्तु...(२) श्रीनाभिनन्दन...
कृ.विः विशिष्ट रचना प्रशस्ति. पाकाहेम ६७०८, पृ. १२८, विवेकमञ्जरीप्रकरण सटीक, वि-१५मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-१२९ विवेकमञ्जरीप्रकरण-(सं.)वृत्ति आचार्य-बालचन्द्रसूरि, सं., गद्य, ग्रं.८०००, आदि वाक्यः (१) नाभिनन्दनविभोर्वदनं मुदेऽस्तु...(२) श्रीनाभिनन्दन...
कृ.विः विशिष्ट रचना प्रशस्ति. पाकाहेम ६७०८, पृ. १२८, विवेकमञ्जरीप्रकरण सटीक, वि-१५मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-१२९ विवेकविलास
आचार्य-जिनदत्तसूरि, सं., रचना सं. विक्रम १४९३, पातासंघवी २०४-१, पृ. १६३, विवेक विलास, संपूर्ण प्रत विशेष- चेल्लुं १ पत्र नथी.
डीवीडी-३८/५५ पातासंघवी २०६-२- पे.क्र. ६३, पृ. १९४-२२८, योगशास्त्र चार प्रकाश आदि, संपूर्ण पे. विशेष- पत्र १९४-१९५-१९७-१९८ घसायेला पत्र २०४, २०६-२०७, २१४, २१५ नो १-१ टुकडो छे. छेवटे
१ चित्र हतुं ते घसाई गयुं छे.
डीवीडी-३८/५५ पाकाहेम १४९००, पृ. ५०, विवेकविलास, वि-१४५६, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-५० भांका २३३, पृ. १५, विवेकविलास, संपूर्ण
डीवीडी-८८ विशाललोचन वीरस्तुति (वीरजिनस्तुति)
सं., पद्य, आदि वाक्यः विशाललोचनदलं... पाकाहेम ७५०५- पे.क्र.२, पृ. १, नमोऽस्तु वर्धमानाय सटीक आदि, वि-१६६१, संपूर्ण पे. नाम- विशाललोचन सह (सं.)टीका
कुल झे.पृष्ठ-२ पाकाहेम ७५०६- पे.क्र. २, पृ. १-२, नमोऽस्तु वर्धमानाय सावचूरिक आदि, वि-१८९२, संपूर्ण पे. नाम- विशाललोचन सह (सं.)अवचूरि
कुल झे.पृष्ठ-२ पाकाहेम १११५१- पे.क्र. ५, पृ. ७B-CA, महासता-सतीकुलक आदि, वि-१७मी, संपूर्ण प्रत विशेष- स्थूलाक्षर में लिखित.
कुल झे.पृष्ठ-६ विशाललोचन वीरस्तुति-(सं.)टीका
सं., गद्य, पाकाहेम ७५०५- पे.क्र. २, पृ. १, नमोऽस्तु वर्धमानाय सटीक आदि, वि-१६६१, संपूर्ण पे. नाम- विशाललोचन सह (सं.)टीका
कुल झे.पृष्ठ-२
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