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कृति उपरथी प्रत माहिती
पाकाहेम ५३०३- पे.क्र. १ पृ. १८ वाक्यप्रकाश औक्तिक सटीक पञ्चपाठ आदि वि-१७मी संपूर्ण
पे. नाम- वाक्यप्रकाश औक्तिक सह टीका
प्रत विशेष- पत्र ७मुं नथी
कुल झे. पृष्ठ- ८
पाकाहेम १५३१०, पृ. १६ वाक्यप्रकाश औक्तिकसटीक, वि-१७मी, संपूर्ण प्रत विशेष- मूल रचना संवत १५०७ लखेल छे.
वाक्यप्रकाशऔक्तिक- (सं.) टीका
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गणि-हर्षकुलगणि, गुरु आचार्य हेमविमलसूरि (तपागच्छ), सं. गद्य रचना सं. विक्रम १५०७, पाकाहेम ५३०३- पे.क्र. १, पृ. ८, वाक्यप्रकाश औक्तिक सटीक पञ्चपाठ आदि, वि-१७मी, संपूर्ण
पे. नाम वाक्यप्रकाश औक्तिक सह टीका
प्रत विशेष पत्र ७मुं नथी
कुल झ. पृष्ठ-८ झे.
पाकाहेम १५३१०, पृ. १६ वाक्यप्रकाशक्तिकसटीक, वि-१७मी, संपूर्ण
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प्रत विशेष- मूल रचना संवत १५०७ लखेल छे.
वाक्यप्रकाशक्तिक- (सं.) टीका
वाग्मटालङ्कार
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गणि हर्षकुलगणि, गुरु आचार्य हेमविमलसूरि (तपागच्छ), सं. गद्य रचना सं. विक्रम १५०७, पाकाहेम ५३०३- पे.क्र. १, पृ. ८, वाक्यप्रकाश औक्तिक सटीक पञ्चपाठ आदि, वि-१७मी, संपूर्ण पे. नाम वाक्यप्रकाश औक्तिक सह टीका
प्रत विशेष - पत्र ७मुं नथी
कुल झे. पृष्ठ-८
पाकाहेम १५३१०, पृ. १६, वाक्यप्रकाशऔक्तिकसटीक, वि-१७मी, संपूर्ण
प्रत विशेष - मूल रचना संवत १५०७ लखेल छे.
वागडोदमण्डन चन्द्रप्रभ-युगादीशजिनयुगलस्तुति# ( चन्द्रप्रभ-युगादीशजिनयुगलस्तुति वागडोदमण्डन ) सं., पद्य, का. ४, आदि वाक्यः धर्मं कर्तुमहो महोत्सव....
पाकाहेम १२३६४- पे क्र. ३ पृ. १ चतुर्विंशतिजिनस्तुति आदि वि-१५मी संपूर्ण
,
कवि वाग्भट (दिगम्बर). सं.,
पाकाहेम २६५२, पृ. ४०, वाग्भटालङ्कार सह टीका, वि-१७मी, संपूर्ण
प्रत विशेष प्रति शुद्ध छे.
कुल १. पृष्ठ-२८
पाकाहेम १०४०५, पृ. २२ वाग्भटालङ्कार सटीक, वि-१६मी, संपूर्ण
कुल झ. पृष्ठ-२३ झे.
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पाकाहेम १०६८७, पृ. ८ वाग्भटालङ्कार, वि-१७४२. संपूर्ण वाग्मटालङ्कार (सं.) टीका
गणि- सिंहदेवगण, सं., गय
पाकाहेम २६५२, पृ. ४० वाग्मटालङ्कार सह टीका, वि-१७मी, संपूर्ण
वाग्भटालङ्कार- (सं.) वृत्ति
सं. गद्य,
प्रत विशेष प्रति शुद्ध छे. कुल झे. पृष्ठ- २८ वाग्भटालङ्कार (सं.) टीका
आचार्य - जिनवर्धनसूरि, सं., गद्य,
पाकाहेम १०४०५, पृ. २२ वाग्भटालङ्कार सटीक, वि-१६मी, संपूर्ण कुल झे. पृष्ठ-२३
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