________________
कृति उपरथी प्रत माहिती पाकाहेम ९०२- पे.क्र. ४४, पृ. २२९-२३०, ओघनियुक्ति आदि अनेक प्रकीर्णक-प्रकरण-कुलक-स्तोत्रसङ्ग्रह,
संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-३१ महावीरस्तुति
सं., पद्य, का.४, पाकाहेम १२१२४- पे.क्र. १९, पृ.८६-८७, प्रकरणसङ्ग्रह आदि, वि-१५मी, संपूर्ण प्रत विशेष- पत्र २३मुं नथी.
कुल झे.पृष्ठ-८१ महावीरस्तुति
सं., पद्य, का.४, आदि वाक्यः प्रणतसुरनरेन्द्र..
पाकाहेम १२३६१- पे.क्र. १, पृ. १, महावीरस्तुति आदि, वि-१७मी, संपूर्ण महावीरस्तुति
सं., पद्य, का.४, आदि वाक्यः विभुमशिश्रयदद्भुत...
पाकाहेम १२३६१- पे.क्र. ३, पृ. १, महावीरस्तुति आदि, वि-१७मी, संपूर्ण महावीरस्तुति
सं., पद्य, का.४, आदि वाक्यः शीतरुचिकिरणा...
पाकाहेम १२३६१- पे.क्र. ४, पृ. १, महावीरस्तुति आदि, वि-१७मी, संपूर्ण महावीरस्तुति
सं., पद्य, का.४, आदि वाक्यः चिररुचिररुचस्ते..
पाकाहेम १२३७३- पे.क्र.५, पृ. १, पञ्चतीर्थङ्करस्तुति आदि, वि-१६मी, संपूर्ण महावीरस्तुति
प्रा., पद्य, गा.४, आदि वाक्यः (१) नाणाइ अपिहु... (२) वीरं देवं नित्यं वन्दे.... पाकाहेम १६१४०- पे.क्र. २, पृ. २B, श्रावकदिनकृत्यकुलक सह टबार्थ व महावीरस्तुति, वि-१६मी, संपूर्ण पे. नाम- वीरजिनस्तुति
कुल झे.पृष्ठ-२ महावीरस्तुति विविधछन्दोबद्ध क्रियागुप्त# (क्रियागुप्त विविधछन्दोबद्ध महावीरस्तुति), (विविधछन्दोबद्ध क्रियागुप्त महावीरस्तुति)
मुनि-सागरचन्द्र, सं., पद्य, का.२५, आदि वाक्यः जगति जडिमभाजि...
पाकाहेम १२३४३, पृ. १, महावीरस्तुति-विविधछन्दोबद्ध क्रियागुप्त, वि-१६मी, संपूर्ण महावीरस्तोत्र (गाहाजुयलस्तोत्र)
आचार्य-पादलिप्तसूरि, प्रा., पद्य, गा.४, आदि वाक्यः गाहाजुयलेण जिणं पाकाहेम १०२३- पे.क्र. ३३, पृ. ११०, प्रकरणस्तोत्रादिसङ्ग्रह, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रति पाणीथी भींजायेली छे.
कुल झे.पृष्ठ-१४५ महावीरस्तोत्र (वीरजिनस्तुति), (महावीरस्तवन), (वीरस्तव)
प्रा., पद्य, गा.२१, आदि वाक्यः जइज्जा समणे भगवं महावीरे जिणुत्तमे... पातासंघवीजीर्ण ४९- पे.क्र. १३, पृ. १४३-१४४, उपदेशमाला आदि, त्रुटक पे. विशेष- गाथा-२२.
डीवीडी-५७/६० पाताहेसं १६८- पे.क्र. २१, पृ. ३७, दशवैकालिकसूत्र, पाक्षिक सूत्रस्तोत्रवृत्ति, स्तुति स्तवनादि, संपूर्ण
पे. विशेष- अपूर्ण. झेरोक्ष पत्र-३३-३४. ताडपत्रीय पत्र ३८-३९ नहीं है. गाथा-१० तक है. प्रत विशेष- प्रारंभिक कुछेक पत्र उभय पार्श्व खंडित होने से पाठ भी खंडित है.
कुल झे.पृष्ठ-७२, डीवीडी-९/१८ पाकाहेम ९०२- पे.क्र.५१, पृ. २३३मुं, ओघनियुक्ति आदि अनेक प्रकीर्णक-प्रकरण-कुलक-स्तोत्रसङ्ग्रह, संपूर्ण
597