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कृति उपरथी प्रत माहिती पे. विशेष- गाथा-१०४. प्रत विशेष- सूचीपत्रमा पत्र संख्या ६५-८१ लखी छे.
कुल झे.पृष्ठ-१७ पाकाभाभा ३३, पृ. ३, पिण्डविशुद्धिप्रकरण, वि-१६२८, संपूर्ण
प्रत विशेष- गाथा-१०४., उंदरे करडेली. भांका २०३, पृ. १८, पिण्डविशुद्धि दीपिका सह, वि-१४८१, संपूर्ण प्रत विशेष- सूचीपत्र नं.१-४१७.
डीवीडी-८७ भांका २९८, पृ. ८६, पिण्डविशुद्धि सह वृत्ति, संपूर्ण प्रत विशेष- सूचीपत्र नं.१-४१४.
डीवीडी-९१ पिण्डविशुद्धिप्रकरण-(सं.)सुबोधा टीका (सुबोधा टीका)
आचार्य-यशोदेवसूरि, सं., गद्य, रचना सं. विक्रम ११७६, ग्रं.२८००, आदि वाक्यः यदुदितलवयोगाद्देहिनः स्युः
कृतार्थास्तमिह शुभनिधानं वर्द्धमानं प्रणम्य... पातासंघवी १६२, पृ. २७३, पिण्डविशुद्धिवृत्ति, संपूर्ण प्रत विशेष- पत्र १५४ अने १७१मुं नथी.
डीवीडी-३६/५३ पातासंघवी १८४-२, पृ. १५८, पिण्डविशुद्धिवृत्ति, संपूर्ण प्रत विशेष- छेल्लुं पार्नु नथी एटले तेमां प्रशस्ति टूटे छे.
डीवीडी-३७/५४ पातासंघवी १८८-२, पृ. २१९, पिण्डविशुद्धिवृत्ति, संपूर्ण प्रत विशेष- वचमां पानां जे खूटे छे ते पाछळ मूक्यां छे.
डीवीडी-३७/५४ भांता ७५, पृ. १४२, पिण्डविशुद्धि सुबोधा सहित, वि-१३००, संपूर्ण प्रत विशेष- सूचीपत्र नं.१-४१६.
डीवीडी-७३/८२ तालाद ३८१- पे.क्र. २, पृ. ५०, कर्मप्रकृति व पिण्डविशुद्धिटीका, वि-१३मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-२६, झे.रिमार्क-झेरोक्ष पृष्ट (१) कर्म प्रकृति - २६ तथा (२) पिंड विशुद्धि - ५० छे.,
डीवीडी-९४/९६ पिण्डविशुद्धिप्रकरण-(सं.)दीपिकावृत्ति (दीपिका वृत्ति)
आचार्य-उदयप्रभसूरि, गुरु-आचार्य-माणिक्यप्रभसूरि, सं., गद्य, रचना सं. विक्रम १२९५, आदि वाक्यः तं नमत
श्रीवीरं यस्माच्चारित्रभूपतिर्जगति।...
कृ.विः यशोदेवसूरि कृत टीका आधारित. पाकाहेम १०३२७, पृ. ९, पिण्डविशुद्धिप्रकरणदीपिका, वि-१६मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-१० पाकाहेम १०६२०, पृ. ६, पिण्डविशुद्धिप्रकरणदीपिका, वि-१६मी, संपूर्ण भांका २०३, पृ. १८, पिण्डविशुद्धि दीपिका सह, वि-१४८१, संपूर्ण प्रत विशेष- सूचीपत्र नं.१-४१७.
डीवीडी-८७ पिण्डविशुद्धिप्रकरण-(सं.)वृत्ति
सङ्गदेव, सं., गद्य, लिंता ३४१६, पृ. २२२, पिण्डविशुद्धिप्रकरण वृत्तिसहित, अपूर्ण
- प्रत विशेष- पत्र नं.१, ११ नथी. पिण्डविशुद्धिप्रकरण-(सं.)टीका
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