________________
कृति उपरथी प्रत माहिती डीवीडी-८८ पिण्डनियुक्ति-(सं.)टिप्पण
सं., गद्य, पातासंघवीजीर्ण ८८ - पे.क्र. १४, पृ. ?, उपदेशमाला, पार्श्वनाथाष्टक आदि अनेक ग्रन्थों के त्रुटक पत्र, त्रुटक पे. नाम- पिंडनियुक्ति सह टिप्पन, पे. विशेष- क्रमबद्ध नहीं है., यह कृति झेरोक्ष पत्र ४७,४८, ५५, ५६,
५९, ६० व ७९-८२ पर त्रुटित रूप में उपलब्ध है. प्रत विशेष- नकामी., झेरोक्ष पत्र ८७ बेवडाएल छे.
कुल झे.पृष्ठ-९०, डीवीडी-५८/६० पिण्डनियुक्ति-(प्रा.)चूर्णि)
प्रा., गद्य, तालाद ३१७, पृ. ५६, पिण्डनियुक्तिचूर्णि-लघुवृत्ति, वि-१५मी, अपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-५६, डीवीडी-९३/९५ पिण्डनियुक्ति-(सं.)अवचूरि
मुनि-क्षमारत्न[विधिपक्ष], गुरु-आचार्य-जयकीर्तिसूरि[विधिपक्ष], सं., गद्य, आदि वाक्यः श्रीपिण्डनियुक्तिरवचूरिलिख्यते __पूर्वमधिकारसूत्रं गाथा पिण्डे... भांका २७७, पृ. ८५, पिण्डनियुक्तिअवचूरि, वि-१९३१, संपूर्ण प्रत विशेष- सूचीपत्र नं.१-१११७., २४, ७४ पाना डबल छे.
डीवीडी-९० पिण्डनियुक्ति-(सं.)टिप्पण
सं., गद्य, पातासंघवीजीर्ण ८८- पे.क्र. १४, पृ.?, उपदेशमाला, पार्श्वनाथाष्टक आदि अनेक ग्रन्थों के त्रुटक पत्र, त्रुटक पे. नाम- पिंडनियुक्ति सह टिप्पन, पे. विशेष- क्रमबद्ध नहीं है., यह कृति झेरोक्ष पत्र ४७,४८, ५५, ५६,
५९, ६० व ७९-८२ पर त्रुटित रूप में उपलब्ध है. प्रत विशेष- नकामी., झेरोक्ष पत्र ८७ बेवडाएल छे.
कुल झे.पृष्ठ-९०, डीवीडी-५८/६० पिण्डनियुक्ति-(सं.)बृहद्वृत्ति (पिण्डनियुक्ति-(सं.)वृत्ति)
आचार्य-मलयगिरिसूरि, सं., गद्य, ग्रं.७२५०,
कृ.विः ग्रन्थाग्र ७००० थी ७५०० सुधी मळे छे. पातासंघवी १६-१, पृ. १८७, पिण्डनियुक्तिवृत्ति, संपूर्ण प्रत विशेष- ग्रन्थाग्र-७०००. सारी.
डीवीडी-२२/४० पाकाहेम ६५६०, पृ. १२६, पिण्डनियुक्ति वृत्तिसहित, वि-१४८२, संपूर्ण प्रत विशेष- वृत्तिग्रन्थाग्र-७०००. पत्र २७-२८ अने ७१-७२ भेगां तेमज १८मुं डबल छे.
कुल झे.पृष्ठ-१२५ पाकाहेम १००७७, पृ. ११०, पिण्डनियुक्ति सटीक, वि-१६मी, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रथम पत्रमा क्र. ९९९०ना टिप्पण जेवू चित्र छे.
कुल झे.पृष्ठ-११० पाकाहेम १४८६०, पृ. १२९, पिण्डनियुक्ति सटीक, वि-१६मी, संपूर्ण प्रत विशेष- टीका ग्रन्थाग्र-७०००.
कुल झे.पृष्ठ-१३२ पिण्डनियुक्ति-(सं.)लघुवृत्ति
सं., गद्य, ग्रं.२९५०, तालाद ३१७, पृ. ५६, पिण्डनियुक्तिचूर्णि-लघुवृत्ति, वि-१५मी, अपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-५६, डीवीडी-९३/९५
489