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कृति उपरथी प्रत माहिती कुल झे.पृष्ठ-२ नेमिजिन बिरुदावली (स्तोत्र)
आचार्य-विमलसूरि, सं., पद्य, का.४५, आदि वाक्यः जय श्रीनेमिजिनवर! नवरसोद्गारसुभग... पातासंघवी २०६-२- पे.क्र. ५१, पृ. १४०-१४१, योगशास्त्र चार प्रकाश आदि, संपूर्ण पे. विशेष- पत्र १३९मुं नथी. पत्र १४० मानी पुंठी घसायेली छे.
डीवीडी-३८/५५ नेमिजिन स्तवन-अष्टभाषाबद्ध जुओ - अष्टभाषाबद्धनेमिजिनस्तवन, संस्कृत प्राकृत,अपभ्रंश, श्लोक२१ नेमिजिन स्तुति अप., पद्य, आदि वाक्यः निरुवमसुहतरुकन्दं जायवकुलगयणपुं महावीरं।...
कृ.विः गाथा ३ से अधिक है. पातासंघवीजीर्ण ९०- पे.क्र. १४, पृ.?, कल्पसूत्रादि अनेक प्रकीर्णक ग्रन्थों के छूटक पन्ने, संपूर्ण
पे. विशेष- अपूर्ण. गाथा-३ तक है. झेरोक्ष पत्र ८३ पर है. प्रत विशेष- त्रुटक-अव्यवस्थित.
कुल झे.पृष्ठ-१४४, डीवीडी-५८/६० नेमिजिनस्तवन
मारुगूर्जर, पद्य, गा.५, आदि वाक्यः भली भावना भेटिवा... पाकाहेम ९०२- पे.क्र. ६०, पृ. २४१, ओघनियुक्ति आदि अनेक प्रकीर्णक-प्रकरण-कुलक-स्तोत्रसङ्ग्रह, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-३१ नेमिजिनस्तवन गिरिनारमहातीर्थमण्डन जुओ - नेमिनाथजिनस्तवन गिरिनारमहातीर्थमण्डन#, आचार्य-सोमसुन्दरसूरि,
संस्कृत, का.१७ नेमिजिनस्तुति
सं., पद्य, श्लोक२४, आदि वाक्यः कान्तः स्तोतुं कवीनां... पातासंघवी १७२-३- पे.क्र. ४, पृ. १४A-२८B, अपभ्रंशस्तोत्रादि सङ्ग्रह, संपूर्ण प्रत विशेष- अस्तव्यस्त-त्रुटक., कर्ता-चक्रेश्वरसूरि आदि.
कुल झे.पृष्ठ-३०, डीवीडी-३६/५४ नेमिजिनस्तुति गिरिनारमण्डन जुओ - गिरिनारमण्डन नेमिजिनस्तुति, आचार्य-जयशेखरसूरि, मारुगूर्जर, गा.१६ नेमिदूतकाव्य
कवि-विक्रम कवि, सं., पद्य, श्लोक१२६, पाकाहेम २६६४- पे.क्र. १, पृ. ५, नेमिदूतकाव्य तथा उपदेशरत्नकोष, वि-१८मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-४ नेमिव्यक्षरस्तव (द्व्यक्षर नेमिस्तव) सं.,
कृ.विः नम अक्षरद्वय. पाकाहेम ११३०९, पृ. १, नेमिट्ट्यक्षरस्तव सावचूरि, वि-१६मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-२ नेमिव्यक्षरस्तव-(सं.)अवचूरि
सं., गद्य, पाकाहेम ११३०९, पृ. १, नेमिट्ट्यक्षरस्तव सावचूरि, वि-१६मी, संपूर्ण
_कुल झे.पृष्ठ-२ नेमिव्यक्षरस्तव-(सं.)अवचूरि
सं., गद्य, पाकाहेम ११३०९, पृ. १, नेमिट्ट्यक्षरस्तव सावचूरि, वि-१६मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-२ नेमिनाथ धवल
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