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कृति उपरथी प्रत माहिती पातासंघवीजीर्ण ५०, पृ. २०८, नवपदप्रकरणवृत्ति (श्रावकानन्दि) तथा कर्मविपाकादि कर्मग्रन्थ चतुष्टय, वि
१३२६, संपूर्ण प्रत विशेष- चोंटेली, जीर्ण, लिपिकृत, हेमकीर्ति.
कुल झे.पृष्ठ-८०, डीवीडी-५७/६० पातासंघवी १२८-१, पृ. १२५, नवपदलघुवृत्ति (श्रावकानन्दी), संपूर्ण
डीवीडी-३४/५२ वताकांति ४०८, पृ. १६९, नवपद प्रकरण श्रावकानन्दि टीका, संपूर्ण
डीवीडी-९७/९८ नवपदप्रकरण-(सं.)बृहद्वृत्ति
आचार्य-यशोदेवसूरि, सं., गद्य, ग्रं.९५००, पातासं ४०- पे.क्र. १, पृ. १-२३७, नवपदप्रकरण बृहद्वृत्ति सह, संपूर्ण प्रत विशेष- गायकवाड केटलॉगमां वृत्ति-अपूर्ण अने नाम पण बृहद्वृत्ति नथी लख्यु. पृ.१-२३७, मूल पृ.२३७
२८०.
डीवीडी-५/१४ नवपदप्रकरण-(सं.)श्रावकानन्दि टीका (श्रावकानन्दि टीका), (नवपदलघुवृत्ति), (श्रावकनन्दी)
आचार्य-जिनचन्द्रसूरि[उपकेशगच्छ], गुरु-आचार्य-कक्कसूरि[उपकेशगच्छ], सं., गद्य, रचना सं. विक्रम १०७३,
आदि वाक्यः नत्वेच्छायोगतोऽयोगं योगिगम्यं जिनेश्वरं... पातासंघवीजीर्ण ५०, पृ. २०८, नवपदप्रकरणवृत्ति (श्रावकानन्दि) तथा कर्मविपाकादि कर्मग्रन्थ चतुष्टय, वि
१३२६, संपूर्ण प्रत विशेष- चोंटेली, जीर्ण, लिपिकृत, हेमकीर्ति.
कुल झे.पृष्ठ-८०, डीवीडी-५७/६० पातासंघवी १२८-१, पृ. १२५, नवपदलघुवृत्ति (श्रावकानन्दी), संपूर्ण
डीवीडी-३४/५२ वताकांति ४०८, पृ. १६९, नवपद प्रकरण श्रावकानन्दि टीका, संपूर्ण
डीवीडी-९७/९८ नवपदलघुवृत्ति जुओ - नवपदप्रकरण-(सं.)श्रावकानन्दि टीका, आचार्य-जिनचन्द्रसूरि, संस्कृत नवफणा श्रीपार्श्वनाथनमस्कार (पार्श्वनाथ नमस्कार नवफणा)
अप., पद्य, गा.५, आदि वाक्यः जय चिन्तामणि जयनाहु जय नवफणमण्डिय.... पातासंघवी १९६-२- पे.क्र. ३, पृ. २-१, उपदेशमणिमाला आदि, वि-१३८८, संपूर्ण प्रत विशेष- विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका.
डीवीडी-३७/५५ नवसंवादसुन्दर
सं., पद्य, श्लोक३५२, पाकाहेम २८४८, पृ. ७, नवसंवादसुन्दर सावचूरि त्रिपाठ, वि-१८मी, त्रुटक प्रत विशेष- त्रुटक
कुल झे.पृष्ठ-९ नवसंवादसुन्दर-(सं.)अवचूरि
सं., गद्य, पाकाहेम २८४८, पृ. ७, नवसंवादसुन्दर सावचूरि त्रिपाठ, वि-१८मी, त्रुटक प्रत विशेष- त्रुटक
कुल झे.पृष्ठ-९ नवसंवादसुन्दर-(सं.)अवचूरि
सं., गद्य, पाकाहेम २८४८, पृ.७, नवसंवादसुन्दर सावचूरि त्रिपाठ, वि-१८मी, त्रुटक
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