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कृति उपरथी प्रत माहिती पाकाहेम १०३६२- पे.क्र. ४, पृ. ६-८, मुहपत्तीछत्रीसी आदिसङ्ग्रह, वि-१६मी, संपूर्ण प्रत विशेष- प्रति एक खूणेथी उंदरे करडेली छे.
कुल झे.पृष्ठ-५० चारित्रमनोरथमाला
आचार्य-धनेश्वरसूरि, प्रा.,सं., पद्य, गा.३०, पातासंघवी ५९-३- पे.क्र. १२, पृ. १२-१६, कर्मस्तववृत्ति आदि, संपूर्ण
प्रत विशेष- पेटांक मां पेज जुदा जुदा छे.
__ कुल झे.पृष्ठ-३२, डीवीडी-२९/४८ पाकाहेम १६२०- पे.क्र. २, पृ. १३, शीलोपदेशमालाप्रकरण तथा चारित्रमनोरथमाला, वि-१७मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-४ पाकाहेम १०५०५- पे.क्र. २, पृ. १-२४, उत्तराध्ययनसूत्र तथा चारित्रमनोरथमाला , वि-१६मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-२४ पाकाहेम १३३०५- पे.क्र. १, पृ. १, चारित्रमनोरथमाला आदि, वि-१५मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-२ चारित्रशुद्धि सञ्ज्ञा सं., आदि वाक्यः चतुर्दशरचहिंसा) जीवस्थानेषु...
कृ.विः अंग(भेद)-१२३४. भांका १३६, पृ. ४१, चरित्रशुद्ध सञ्ज्ञा, वि-१६४९, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-२८, डीवीडी-८५ चारित्रसार
जैनश्रावक-चामुण्डराय, सं., गद्य, ग्रं.१८००, आदि वाक्यः अरिहननरजोहननरहस्यहरं... भांका १९४, पृ. २७, चरित्रसार सह टिप्पण, वि-१५५०, संपूर्ण प्रत विशेष- ग्रन्थान-१८००. विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका. पदच्छेद, संधिसूचकादि संशोधनात्मक चिह्नों के
साथ. प्रारंभिक कुछ अंश नहीं है. पत्रांक-२४-५० है. दिगम्बरमतमान्य कृति.
कुल झे.पृष्ठ-१८, डीवीडी-८७ चारित्रसार-(सं.)टिप्पण
सं., गद्य, भांका १९४, पृ. २७, चरित्रसार सह टिप्पण, वि-१५५०, संपूर्ण प्रत विशेष- ग्रन्थान-१८००. विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका. पदच्छेद, संधिसूचकादि संशोधनात्मक चिह्नों के
साथ. प्रारंभिक कुछ अंश नहीं है. पत्रांक-२४-५० है. दिगम्बरमतमान्य कृति.
कुल झे.पृष्ठ-१८, डीवीडी-८७ चारित्रसार-(सं.)टिप्पण
सं., गद्य, भांका १९४, पृ. २७, चरित्रसार सह टिप्पण, वि-१५५०, संपूर्ण प्रत विशेष- ग्रन्थान-१८००. विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका. पदच्छेद, संधिसूचकादि संशोधनात्मक चिह्नों के
साथ. प्रारंभिक कुछ अंश नहीं है. पत्रांक-२४-५० है. दिगम्बरमतमान्य कृति.
कुल झे.पृष्ठ-१८, डीवीडी-८७ चारुदत्ता विगेरेनी कथाओनो सङ्ग्रह (कथासङ्ग्रह)
प्रा.,
पातासंघवीजीर्ण ४८ - पे.क्र. ४, पृ. २९१-२९७, नलदमयन्ती कथा, संपूर्ण पे. विशेष- त्रुटक पत्रो -जीर्ण, पहेला ४ पत्रो नथी.
डीवीडी-५७/६० चारूदत्तकथा परिग्रहप्रमाणविषये जुओ - परिग्रहप्रमाणविषये चारूदत्तकथा, संस्कृत, श्लोक७८ चाचिकप्रकरण
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