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कृति उपरथी प्रत माहिती कुल झे.पृष्ठ-७ क्षमापनाश्लोक
सं., पद्य, श्लोक३, आदि वाक्यः हे सभ्याः श्रृणुतः क्षणं मम वचश्चेतोभिरव्याकुलै... पाताहेसं ५७- पे.क्र. २, पृ. १६५आ, शान्तिनाथचरित्र महाकाव्य आदि, वि-१३८४, संपूर्ण
पे. विशेष- संपूर्ण. झेरोक्ष पत्र-१६१-१६२. प्रत विशेष- विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका. प्रति सुन्दर लिपि, विशेष टिप्पण, पदच्छेद, संधिसूचक आदि
लाक्षणिकताओं से युक्त है.
कुल झे.पृष्ठ-१७०, डीवीडी-६/१५ क्षान्तिकुलक जुओ - क्षमाकुलक, आचार्य-यशोघोषसूरि, प्राकृत, गा.२५ क्षान्तिशतक जुओ - क्षमाकुलक, आचार्य-यशोघोषसूरि, प्राकृत, गा.२५ क्षामणककुलक (खामणाकुलक)
प्रा., पद्य, गा.४०, आदि वाक्यः जो कोइ मए जीवो चउगइ संसारकडिलम्मि... पातासंघवी ११७-१- पे.क्र. १३, पृ. ९६-९७, आराधनापताका भगवती आदि, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-१०४, डीवीडी-३४/५२ पातासंघवी १४५-१- पे.क्र. १३, पृ. १३४-१३७, चउसरण आदि, संपूर्ण पे. नाम- खामणाकुल, पे. विशेष- गाथा-४६.
कुल झे.पृष्ठ-९४, डीवीडी-३५/५३ पाताहेसं १६८- पे.क्र. ३५, पृ. ६९आ-७२आ, दशवैकालिकसूत्र, पाक्षिक सूत्रस्तोत्रवृत्ति, स्तुति स्तवनादि, संपूर्ण
पे. नाम- खामणाकुलक, पे. विशेष- संपूर्ण. गाथा-३६. झेरोक्ष पत्र-४३-४६. प्रत विशेष- प्रारंभिक कुछेक पत्र उभय पार्श्व खंडित होने से पाठ भी खंडित है.
कुल झे.पृष्ठ-७२, डीवीडी-९/१८ पाताहेसं १८९- पे.क्र. २१, पृ. १०७B-११०A, दशवैकालिकसूत्रादि प्रकरणसङ्ग्रह, संपूर्ण
पे. नाम- खामणाकुलं, पे. विशेष- गाथा-३६. प्रत विशेष- त्रुटक. कुल पत्र-४५+१५९=२०४. इसमें दूसरे क्रम के पत्रांक १८-४६ नहीं है. कुछेक पत्रों पर
बीजक दिया हुआ है. कुछ पत्रों के आधे भाग खंडित हैं.
कुल झे.पृष्ठ-८४, डीवीडी-१०/१९ पाकाहेम ७७९१- पे.क्र. १, पृ. १, क्षामणककुलक आदि, वि-१६मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-२ क्षामणकसूत्र (पक्खी खामणा), (पाक्षिक क्षामणक), (पाक्षिक खामणा), (खामणकसूत्र)
प्रा., पातासंघवीजीर्ण ९०- पे.क्र. ४, पृ. ?, कल्पसूत्रादि अनेक प्रकीर्णक ग्रन्थों के छूटक पन्ने, संपूर्ण
पे. विशेष- अपूर्ण. झेरोक्ष पत्र- ९०-९१. प्रत विशेष- त्रुटक-अव्यवस्थित.
कुल झे.पृष्ठ-१४४, डीवीडी-५८/६० पातासंघवी १८२-१- पे.क्र.५, पृ. ८२-८३, दशवैकालिक आदि, संपूर्ण
डीवीडी-३७/५४ पाकाहेम ९०२- पे.क्र. ५, पृ. ९०-१०१, ओघनियुक्ति आदि अनेक प्रकीर्णक-प्रकरण-कुलक-स्तोत्रसङ्ग्रह, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-३१ पाकाहेम १००७१- पे.क्र. २, पृ. ४, पाक्षिकसूत्र तथा पाक्षिकक्षामणक, वि-१६मी, संपूर्ण प्रत विशेष- खामणा पण साथे छे.
कुल झे.पृष्ठ-४ पाकाहेम १०४३३- पे.क्र. ४, पृ. १८, दशवैकालिकसूत्रादि, वि-१६मी, अपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-१९ पाकाहेम १२१२४- पे.क्र. २५, पृ. ८९-१०४, प्रकरणसङ्ग्रह आदि, वि-१५मी, संपूर्ण
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