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कृति उपरथी प्रत माहिती पातासंघवीजीर्ण ९५- पे.क्र.१, पृ.?, कातन्त्रव्याकरण दौर्गसिंही टीका, सूत्रकृताङ्गटीका व अन्य ग्रन्थों के
त्रुटक पत्र, संपूर्ण पे. विशेष- प्रारंभमात्र है.
प्रत विशेष- जीर्ण-त्रुटक-अव्यवस्थित पाकाहेम ९०३, पृ. ४०, कातन्त्रव्याकरण सह आख्यात वृत्ति व दौर्गसिंही वृत्ति, वि-१४८०, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-२५ पाकाहेम ९०४, पृ. २८, कातन्त्रव्याकरण - कृमृत्ति दौर्गसिंहीवृत्ति सहित, प्रतिपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-२० पाकाहेम १०३६, पृ. ३६, कातन्त्रव्याकरण दौर्गसिंहीवृत्ति चतुष्कवृत्ति, प्रतिपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-३९ पाकाहेम १०३७, पृ. ६०, कातन्त्रव्याकरण दौर्गसिंहीवृत्ति आख्यातवृत्ति, प्रतिपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-६० पाकाहेम २८७१, पृ. १४, कातन्त्रव्याकरण आख्यातवृत्ति प्रथमपाद दौर्गसिंहीवृत्तिसहित सावचूरि पञ्चपाठ, वि
१५मी, प्रतिपूर्ण प्रत विशेष- पत्रांक-१५ थी ४८ द्वितीयपाद प्रत नं.२८७२ के अन्तर्गत है.
कुल झे.पृष्ठ-१४ पाकाहेम २८७२, पृ. ३४, कातन्त्रव्याकरण द्वितीयपादपर्यन्त दौर्गसिंहीवृत्तिसहित सावचूरि पञ्चपाठ, वि-१६मी,
प्रतिपूर्ण प्रत विशेष- पत्रांक-१ थी १४ प्रथमपाद प्रत नं.२८७१ के अन्तर्गत है.
कुल झे.पृष्ठ-३५ पाकाहेम ३८१३, पृ. ११५, कातन्त्रव्याकरण दौर्गसिंहीवृत्ति सहित आख्यातवृत्ति, वि-१६मी, प्रतिअपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-११५ पाकाहेम ३९३४, पृ. १३, कातन्त्रव्याकरण दौर्गसिंहीवृत्ति प्रथमसन्धि, वि-१७मी, प्रतिपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-१३ पाकाहेम ६७८४, पृ. १२९, कातन्त्रव्याकरण दौर्गसिंहीवृत्ति-चतुष्कवृत्ति टिप्पनिका-गोल्हणवृत्ति, वि-१५मी, संपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-१२८ पाकाहेम १०४३०, पृ. ३६, कातन्त्रव्याकरण दुर्गसिंहवृत्तिसहित प्रथमवृत्ति, वि-१६मी, प्रतिपूर्ण पाकाहेम १०४३१, पृ. ३९, कातन्त्रव्याकरण दुर्गसिंहवृत्तिसहित आख्यातवृत्ति, वि-१४७०, प्रतिपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-४० पाकाहेम १०६७४, पृ. ५२, कातन्त्रव्याकरण कृद्धृत्ति, वि-१४७०, प्रतिपूर्ण
कुल झे.पृष्ठ-१२ पाकाहेम १२८३७- पे.क्र. १, पृ. २७६, कातन्त्रव्याकरण दौर्गसिंहीवृत्तिसहित टिप्पणीसहित आदि, वि-१५मी,
संपूर्ण पे. नाम- कातन्त्रव्याकरण दौर्गसिंहवृत्ति सहित टिप्पणी सहित प्रत विशेष- पत्र २४७मां खरतरगच्छीय आचार्य श्रीजिनचन्द्रसूरिनुं तथा सरस्वती- एम बे अतिसुन्दर चित्रो
कुल झे.पृष्ठ-९० पाकाहेम १२८३८- पे.क्र. १, पृ. २७९, कातन्त्रव्याकरण दौर्गसिंहीवृत्तिसहित टिप्पणीसहित आदि, वि-१४९३,
संपूर्ण
पे. नाम- कातंत्रव्याकरण दौर्गसिंहीवृत्ति सहित टिप्पणी सहित
कुल झे.पृष्ठ-११२ पाकाहेम १२८३९, पृ. २५, कातन्त्रव्याकरण दौर्गसिंहीवृत्ति-कृवृत्ति टिप्पणीसहित त्रुटक, वि-१५मी, त्रुटक
कुल झे.पृष्ठ-१० पाकाहेम १८७८९, पृ. ७६, कातन्त्रव्याकरण वृत्ति, वि-१५०५, संपूर्ण
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