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कृति उपरथी प्रत माहिती
पे. विशेष भीनमालमा गाथा १२५.
डीवीडी-३६/५३
पातासंघवी २७-१, पृ. २३६, उपदेशकन्दली वृत्ति सह संपूर्ण
डीवीडी - २४/४२
पातासंघवी ७२-३- पे.क्र. १५, पृ. १३०-१३७, बृहत् सङ्ग्रहणी आदि, संपूर्ण
डीवीडी-३१/५०
पाताहे ३५ पृ. २३३ उपदेशकन्दली वृत्ति सह संपूर्ण
डीवीडी-४/१४
पाताहेसं ३६, पृ. २८४, उपदेशकन्दली वृत्ति सह, वि- १२९६, संपूर्ण
डीवीडी-४/१४
पाताहेसं १६१- पे.क्र. २३, पृ. २०३-२१०, दशवैकालिकसूत्र आदि प्रकरण सङ्ग्रह, वि - १३८९, संपूर्ण
पे. विशेष गाथा- १२२.
प्रत विशेष- प्रान्ते कृतिओनी अनुक्रमणिका आपेली छे.
कुल झे. पृष्ठ- १७०, डीवीडी-८/१८
पाताहेसं १७९- पे.क्र. ९ पृ. २३९-२४८, दशवैकालिकसूत्र आदि, वि-१३७२, संपूर्ण
डीवीडी-९/१९
भांता ५८, पृ. २५०, उपदेशकन्दलीविवरण सह टीका, संपूर्ण
प्रत विशेष- सूचीपत्र - ?, साचो भंडारसंदर्भांक-६/८०-८१ अने सूचीपत्र नं. २- १९१ जणाय छे. डीवीडी-७२/८१
पाकाहेम १४९८४- पे. क्र. ४ पृ. ७६-७८, सङ्ग्रहणी प्रकरण आदि वि-१५०४ संपूर्ण
पे. विशेष- गाथा - १२५.
प्रत विशेष सूचीपत्रमां पत्र संख्या ६५-८१ लखी छे. कुल झे. पृष्ठ-१७
उपदेशकन्दली- (सं.) वृत्ति
आचार्य बालचन्द्रसूरि, सं. गद्य, ग्रं. ७६००, आदि वाक्यः यन्नाभीनासिकाभूद्गालिकमुखहृततालुमौलिश्रवस्सु .... कृ. विः विस्तृत रचना प्रशस्ति.
पातासंघवी ९२, पृ. २८९, उपदेशकन्दलीवृत्ति, संपूर्ण
प्रत विशेष- १६०मां पानाना अंक पछी जीर्ण छे. केटलाकना टुकडा छे.
डीवीडी-३२/५१
पातासंघवी २७-१, पृ. २३६, उपदेशकन्दली वृत्ति सह, संपूर्ण
डीवीडी-२४/४२
पाताहे ३५ पृ. २३३ उपदेशकन्दली वृत्ति सह संपूर्ण
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डीवीडी - ४ / १४
पाताहे ३६, पृ. २८४ उपदेशकन्दली वृत्ति सह वि- १२९६, संपूर्ण
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डीवीडी - ४ / १४
भांता ५८, पृ. २५०, उपदेशकन्दलीविवरण सह टीका, संपूर्ण
प्रत विशेष- सूचीपत्र - ?, साचो भंडारसंदर्भांक - ६/८०-८१ अने सूचीपत्र नं. २- १९१ जणाय छे.. डीवीडी-७२/८१
उपदेशकन्दली- (सं.) वृत्ति
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आचार्य बालचन्द्रसूरि, सं. गद्य, ग्रं. ७६००, आदि वाक्यः यन्नाभीनासिकाभ्रूद्गालिकमुखद्वततालुमौलिश्रवस्सु... कृ. विः विस्तृत रचना प्रशस्ति.
पातासंघवी ९२ पृ. २८९ उपदेशकन्दलीवृत्ति, संपूर्ण
प्रत विशेष- १६०मां पानाना अंक पछी जीर्ण छे, केटलाकना टुकड़ा छे.
डीवीडी-३२/५१
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