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कृति उपरथी प्रत माहिती पे. विशेष- ग्रन्थाग्र-२०५६., सारी.
डीवीडी-२१/४० पातासंघवी १६६- पे.क्र. १३, पृ. १४७-१९४, चैत्यवन्दन आदि, संपूर्ण
पे. विशेष- ग्रन्थाग्र-३५००. प्रत विशेष- प्रारंभना १-८ पत्र बढते पत्ररूपे लीधा छे. (८+१९४)
डीवीडी-३६/५४ पातासंघवी १६८- पे.क्र. १९, पृ. १३७-१९५, वन्दारुवृत्ति आदि, संपूर्ण
डीवीडी-३६/५४ पातासंघवी ४-३, पृ. १०६, उत्तराध्ययनसूत्र, वि-११७९, संपूर्ण
__ डीवीडी-२०/३९ पातासंघवी ५७-२- पे.क्र. १, पृ. १-१५९, उत्तराध्ययनसूत्र आदि, वि-१३८१, संपूर्ण प्रत विशेष- कागळमां.
डीवीडी-२९/४८ पातासंघवी ६७-३, पृ. १६१, उत्तराध्ययनसूत्र, संपूर्ण
डीवीडी-३०/४९ पातासंघवी ९८-२, पृ. १३९, उत्तराध्ययनसूत्र, संपूर्ण
डीवीडी-३३/५१ पातासंघवी १३३-१, पृ. १४८, उत्तराध्ययन सूत्र, संपूर्ण प्रत विशेष- पे. १. अंतनुं पत्र तुटेलुं छे.
डीवीडी-३४/५२ पाताहेसं २६, पृ. ४०१, उत्तराध्ययनसूत्र पाईयटीकासहित, संपूर्ण
डीवीडी-३/१३ पाताहेसं २७- पे.क्र. १, पृ. १-५४, उत्तराध्ययनसूत्र पाईय टीका, वि-१३४३, संपूर्ण
डीवीडी-३/१३ पाताहेसं २८, पृ. २८९, उत्तराध्ययनसूत्र सुखबोधावृत्तिसहित, संपूर्ण
डीवीडी-३/१३ पाताहेसं २९, पृ. २९२, उत्तराध्ययनसूत्र सुखबोधावृत्तिसहित, वि-१२२८, संपूर्ण
डीवीडी-३/१३ पाताहेसं ५८- पे.क्र. १, पृ. २-१५८, उत्तराध्ययनसूत्र आदि, संपूर्ण
डीवीडी-६/१५ पाताहेसं ६७, पृ. ४२, उत्तराध्ययनसूत्र, संपूर्ण
डीवीडी-६/१६ पाताहेसं १६२- पे.क्र. १, पृ. १७८, उत्तराध्ययन सूत्र, वि-१३६९, संपूर्ण प्रत विशेष- गायकवाड केटलॉगमां पत्र १७८+२६ थी ४४ आप्या छे.
डीवीडी-८/१८ पाताहेसं १८२, पृ. १६३, उत्तराध्ययनसूत्र मूल (अध्ययन ३५ अपूर्ण), अपूर्ण
डीवीडी-१०/१९ पाताहेसं १८९- पे.क्र. २८, पृ. १२४०-१२५A, दशवैकालिकसूत्रादि प्रकरणसङ्ग्रह, संपूर्ण
पे. नाम- उत्तराध्ययनसूत्र-अध्ययन-२४ समितीओ प्रत विशेष- त्रुटक. कुल पत्र-४५+१५९=२०४. इसमें दूसरे क्रम के पत्रांक १८-४६ नहीं है. कुछेक पत्रों पर
बीजक दिया हुआ है. कुछ पत्रों के आधे भाग खंडित हैं.
कुल झे.पृष्ठ-८४, डीवीडी-१०/१९ पाताहेसं १८९- पे.क्र. ३४, पृ. १३४A-१४१A, दशवैकालिकसूत्रादि प्रकरणसङ्ग्रह, संपूर्ण पे. नाम- उत्तराध्ययनसूत्र- अध्ययन-३, ९, १० व २०
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