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(भांका) भांडारकर ईन्स्टिट्युट-पूना भांडारकर ईन्स्टिट्युट-पूना (कागळ)
स्थिति
ग्रंथांक: प्रत नाम
(पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडीझे.पत्र/ो.पत्र) कति प्रकार
प्रतविशेष माप पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष । कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
परिमाण
रचना वर्ष
आदिवाक्य
(पे. पृ. १०8-994)
(पे.४) सर्वज्ञवादस्थल सर्वज्ञत्वसिद्धिवादस्थल (पे.५) सक्षेप सर्वज्ञसिद्धि
"
:5
गद्य
इह केचिदहड़कारशिखरि इह हि विमलकेवलालोकसम सकल प्रत्यक्ष लक्षय नैयायिकदर्शने तावत इह हि केचिदज्ञानमहा। इह केचिदनादिमहा किं पुनरीश्वरसद्भावे ... इह केचित्सदनुष्टान तमोनामेत्यादितमो
5
:
(पे.पृ. 998-१२/ पे.वि. : प्रतिलेखन पुष्पिका श्लोक-तैलाद्रक्षेद् (पे.पू. १२९-१३० (प.पू. १३४-१५A) (पे.पू. 944-968) :(पे.पू. १७-१८A) (पे.पू. १८A-१९ (पे.पू. १९७-२३) (पे.पू. २३४-२५०/(पे.पू. २५०-२७B) (प..पू. २७-२८०).
(प.52. सर्वज्ञवादस्थल. (पे.४) नैयायिक प्रमाणप्रमेयवादस्थल :(पे.८) सर्वज्ञव्यवस्थापनावादस्थल (पे.९) जीवास्तिवादस्थल (पे.१०) ईश्वरवादस्थल (पे.११) गणधरवाद (पे.१२) तमोवादस्थल... (पे.१३) तैजसवादस्थल :/पे.१४) अग्निशीतत्वस्थापनावाद
अग्निशीतत्वस्थापनवादस्थल (पे.१५) विप्रवक्त्रमुद्गर (पे.१६) स्त्रीनिर्वाणसिद्धि-रत्नावतारितायां स्त्रीनिर्वाणसिद्धिवादस्थल अर्हत्मण्डपप्रतिष्ठादि सङ्ग्रह
:
तेजसैवापवत्य स्कन्ध
शीतोवास
केवलज्ञानसिद्धी
(पे.पू. २८४-२९०) (पे. पू. २९४-३२०
सर्व वाक्यं सावधारण
कागज
वि. १४६१
९१(२२)
गद्य
(पे.१) मण्डपप्रतिष्ठाविधान (पे.२) लेश्याप्रकरण (पे.३) पार्श्वनाथपद्मावती मन्त्र ..... (पे.४) जयतिहअणस्तोत्र (पे.५) शुक्लरौद्रआादि धर्मध्यान विवेचन
ॐ परमब्रह्मणे नमो कृष्णनीलकपोतपीत. सर्वसत्वहितकराय जयतिवण कप्परुक्ख ...बुद्धिमानपि गुरुः
गद्य
अभयदेवसूरि
अपर्भ.
गा.30
पद्य पद्य
(जुनो नं. १८८२-८३/०)अधिकतम कृतियां दिगम्बर विद्वान रचित है. (पे.पू. 9A-६A/ पे.वि. : प्रारंभिक पत्र नहीं ह. (पे.पू. ६A-६०) (पे.प्र.६B-GA) (पे.पू. 64-९) (पे.पू. १००-३५०) पे.वि. : झेरोक्ष पत्र-३-९. बीचबीच के कुछ पत्र नहीं होने से कौन कृति कहाँ से प्रारंभ व कहाँ पर पूरी हुई है उसका ठीक-ठीक पता नहीं चलता है. (पे. प्र.३५4-३७०)
(पे.६) तत्वधर्मोपदेशामृत धर्मोपदेशामत
पदमनन्दिदेव
श्लोक ३४
नि:शेषामलशीलसदगणमय पद्य
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