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ग्रंथांक
स्थिति
पूर्णता
प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
(पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार
प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र परिमाण रचना वर्षआदिवाक्य
क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- झे.पत्र/.पत्र) कृति प्रकार
प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
कर्ता
अव्यय
श्लोक १४०
पद्य
गद्य
(२३).
(११.७४४.५)
का.४४
पद्य
अमुक प्रतोमा ४८ काव्य पण छे.
कागज ........... वि. १६मी.....२२.
भक्तामरप्रणतमौलिमणि ग्रं. १५२६ वि. १४२६ । कागज..............वि. १६मी...
नमो अरहन्ताणं नमो
(८) संयक्तप+ग
.(१२४४.२....
................
कागज..
.वि. १६मी....
(२)..
(११.२४४.५)
पद्य
वि. १५मी ..
श्लोक १९६ कागज ग्रं.८८१२ कागज
(१६९)
ग्रन्थान-९०२४. प्रति शुद्ध छे.. (११.७४५)
अव्यय-अवचूरि भक्तामरस्तोत्र सटीक
श्रेष्ठ भक्तामरस्तोत्र
मानतुङ्गसूरि भक्तामरस्तात्र-टीका
गुणाकरसूरि रुद्रल्लीय सं. षडावश्यकसूत्र सावचूरि
मध्यम..
संपूर्ण आवकषडावश्यकसूत्र
आवकषडावश्यकसूत्र-अवचूरि १५०२५. हैमविभ्रमवृत्ति हैमविभ्रमसूत्र-वृत्ति
: जिनप्रभसरि :१५०३२ : शत्रुञ्जयमाहात्म्य
जीर्ण
:संपूर्ण
धनेश्वरसरि १५०३४ अजितशान्तिस्तव प्राकृत संस्कृत
श्रेष्ठ
संपूर्ण अवचूरि सह. अजितशान्तिस्तोत्र
नन्दिषेण अजितशान्तिस्तोत्र-अवचूरि ५०४६. विद्यालय-विज्जालय टिप्पणीसहित ......श्रेष्ठ,
विद्यालय
विद्यालय-टिप्पणी १५०६८ हेतुगर्भप्रतिक्रमणविधि
संपूर्ण प्रतिक्रमणगर्भहेतु
जयचन्द्रगणि .१५२३१ सुभाषित
:श्रेष्ठ रत्नशेखरसरि
वि. १६मी
(१२४४.५)
प्रा.
गा.४०
अजिर्य जियसलभयं
: पद्य
गाथा संख्या ३८ थी४७ सुधी मळे छे.
:संपणे
कागज
.........: वि. १६मी ....१६.
जयवल्लभ
गा.goo
मध्यम
कागज
.: वि. १६मी... ११
:संपणे
कागज
(१०.५४४.७)
१५२४६ : सवादसुन्दर
:श्रेष्ठ
:संपर्ण
कागज
वि.१५५४
श्लोक ३३३
पद्य
(१०.५४४.५) शारदा-लक्ष्मी, गांगेय-गुंजा आदि अनेक संवादोनो सड़ग्रह.
१५२५२
संपूर्ण
कागज
दशवैकालिकसूत्र सटीक अपूर्ण .......श्रेष्ट दशवैकालिकसूत्र..
: शय्यम्भवसूरि
...वि. १७मी.....४३
(१०x४.५)
प्रा.
ग्रं.७००
धम्मो मड़गलमुक्कि
संयुक्त प+ग
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