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ग्रंथांक
स्थिति
पूर्णता
प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- झे.पत्र/झे.पत्र) कृति प्रकार
प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटॉक पृष्ठ, पेटा विशेष
कर्ता
भाषा
(१०.५४४.५)
संपूर्ण सं.
(पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार
प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र परिमाण रचना वर्ष आदिवाक्य कागज .......... वि. १६मी ............
महाभाग्यसौभाग्य... ............वि. १६मी.....१
जय श्रीमन्नाभिप्रभवः ......... कागज
वि. १५०८१ गा.२३
नमिऊण पणयसुरगणचूडामण
पद्य
.जीर्ण
संपूर्ण
कागज
१२१४३ : कुल्पपाकमण्डनयुगादिजिनस्तवन मध्यम
युगादिजिनस्तवन कुल्पपाकमण्डन ..... भूवनसुन्दरसूरि १२१४५ इलदुर्गमण्डनयुगादिजिनस्तवन .......
युगादिजिनस्तवन इलदुर्गमण्डन ..... मुनिसुन्दरसूरि १२१५० भयहरस्तोत्र सटीक पञ्चपाठ
श्रेष्ठ भयहरस्तोत्र
मानतुङ्गसूरि
जीर्णप्राय..(१०x४.५).
का.२४
संपूर्ण
(१०.२४४.५) गाथा २१थी २४ मळे छे.
१२१५७
मध्यम
संपूर्ण
कागज
वि.१०मी
(१०x४.५
भयहरस्तोत्र-टीका बृहदअजितशान्तिस्तवन सावचूरि पञ्चपाठ बृहत् अजितशान्तिस्तवन बृहत अजितशान्तिस्तवन-टीका कल्याणमन्दिरस्तोत्र आदि (पे.१) कल्याणमन्दिरस्तोत्र
जयशेखरसूरि
का.१७
सकलसुखनिवहदानाय....
संपण
कागज
वि
(१०x४.५) (पे.पृ. १-३)
सिद्धसेन दिवाकर
का.४४
कल्याणमन्दिरमुदारमव
का.९
देवाधिदेवं कृतम्
पद्य
(पे.पृ.३)
१२१७४
संपूर्ण
कागजवि . १७मी
(१०४४.५)
प्रा..........
गा. १०
दोसावहारदक्ख
(पे.२) रावणपाश्वनाथाष्टक
कल्याणसागरसरि अलवरपुरमण्डन नवग्रहगर्भितपार्वजिनस्तवन सावचूरि जीर्ण त्रिपाठ नवग्रहस्तुतिगर्भितपार्श्वनाथस्तुति ......... जिनप्रभसूरि. नवग्रहस्तुतिगर्भितपार्श्वनाथस्तुति
अवचुरि १२१८१ : चत्तारि-अट्ठ गाथा विवरण
श्रेष्ठ चत्तारिअठ्ठदसदोयसूत्र-विवरण.......
विनयविजय...... १२१८८ चतुर्विशतिजिनस्तुतयः
मध्यम चतुर्विशतिजिनस्तुति
: जिनप्रभसरि चतुर्विशतिजिनस्तुतयः तथा सामायिक जीर्ण वत्रीसदोष सज्झाय (पे.१) चतुर्विंशतिजिनस्तुति .........जिनप्रभसूरि
संपूर्ण
कागज
190X४.२)
.... वि. १८मी
संपूर्ण
कागज
वि. १७मी
(१०.२४४.५)
का.२९
ऋषम नमसरासरशेखर
संपूर्ण
कागज
वि. १७मी
(१०x४.२)
सं.
का.२९
ऋषभ नम्रसुरासुरशेखर : पद्य
.. १)
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