________________
ग्रंथांक
स्थिति
पूर्णता
प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
(पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार
प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र परिमाण रचना वर्ष आदिवाक्य
क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी-
प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
कर्ता
भाषा
कृति प्रकार
प्रा. संपूर्ण
जीर्ण
अष्टभाषामय,पचपाठ ग्रन्थान-२५५४.. (१२४४.५)
४९
(४९)
संयुक्तप+ग
ग्रं.२०७२
नमो अरिहन्ताणं नमो कागज
वि. १५९७ .. I. २६४४...
सुयं मे आउसं तेणं काग कागज ......वि. १६मी. ९५
.५७७८. वि. १४६६ कागज
वि. १५मी ५१
.............
मध्यम
संपूर्ण
(११.७४४.५)
संपूर्ण
(११.७४५)
:१०३९५: आचारागसूत्र
सुधर्मास्वामी १०३९६ : क्रियारत्नसमुच्चय
गुणरत्नसूरि १०३९७ : सिद्धहेमशब्दानुशासनलघुवृत्तिअवचूर्णि जीर्ण
का तृतीयाध्यायद्वितीयपादपर्यन्तचतुष्कवृत्ति अवचूर्णि सिद्धहेमशब्दानुशासन-लघुवृत्तिनी
अवचूणि १०३९८ : विपाकसूत्र
सधर्मास्वामी १०३९९. विवेकमञ्जरीप्रकरण
जीर्ण
संपूर्ण
वि. १६०१
(३६)
:११.५४५)
ग्रं. १३१६
तेणं कालेणं तेणं
: मध्यम
:संपणं
कागज
(८).
(११.७X४.५
वि. १७मी.... वि. १२८८.
आसद्ध
सिदिपर
जीर्ण
प्रतिपर्ण
वि. १५मी
७५
(७६)
(११.७४४.५)
प्रिया हियालय
पद्य
हषे कवि विद्याधर
गया
१०४०० नैषधचरितमहाकाव्य विद्याधरीटीका
सहित सप्तमसर्गपर्यन्त नषधचरितमहाकाव्य नैषधचरितमहाकाव्य
साहित्यविद्याधरीटीका १०४०१ ० हैमअनेकार्थनाममाला
अनेकार्थसड़ग्रह १०४०२ चन्द्रप्रज्ञप्तिउपागसूत्र टीका
चन्द्रप्रज्ञप्तिसूत्र-वृत्ति
.........वि. १४६६..... ५५...
ध्यात्वार्हतः कतैका
५५................(११.७४४.७).
हेमचन्द्रसरि
गं. १८२७
संपूर्ण
कागज
वि.१५९८
११६
:1998)
(१२४४.५)
मलयगिरिसरि
ग्रं. ९५००
मुक्ताफलमिव करतलकलित
संपूर्ण
कागज
वि.१६मी
१०४०३ दशवैकालिकसूत्र बृहद्वृत्ति
दशवैकालिकसूत्र-बृहद्वृत्ति १०४०४: कामदेवकथा गद्य
मध्यम हरिभद्रसरि
८१
(८१) जयति विजितान्यतेजाः गद्य
ग्र.७५५०
(१२४४.५) वृत्ति नियुक्ति उपर पण छे. (११.७४४)
संपर्ण
कागज
(१८)
जीर्ण मेरुतुगसुरि जीर्ण
ग्र.७४८
...वि. १६मी...
वि. १४६९... - वि. १६मी .. 465
१०४०५ वाग्भटालड़कार सटीक
संपूर्ण
कागज
(२३).
(११.५४४.५)