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ग्रंथांक
स्थिति
पूर्णता
प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
(पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार
प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र परिमाण
रचना वर्ष आदिवाक्य
प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
कर्ता
क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- झे.पत्र/झे.पत्र) कृति प्रकार गद्य
भाषा
:विजयानन्द
अपूर्ण
कागज
वि. १७मी
:(१०.२४४.२)
१०२१०: अभिधानचिन्तामणिनाममाला अपूर्ण
अभिधानचिन्तामणिनाममाला
जीर्ण हेमचन्द्रसूरि
सं.
प्रणिपत्यार्हतः
पद्य
अध्याय ६कांड ग्रं. २६३०
R
१०२११ अभिधानचिन्तामणि स्वोपज्ञ टीका सह श्रेष्ठ, अभिधानचिन्तामणिनाममाला
हेमचन्द्रसूरि
कागज
वि. १७मी अध्याय ६कांड ग्रं.: २६३०
१९३. प्रणिपत्याहेत
(१९४).. ........... पद्य
पत्र २७, डबल छे...(१०.५४४.५).
सं.
गं १0000
धर्मतीर्थकृतां वाचं
हेमचन्द्रसूरि जीर्ण
उभय ग्रन्थान-१००००. टीका ग्रन्थान-४६८५. (१०.२४४.७)
संपूर्ण
कागज
(५८)
अभिधानचिन्तामणिनाममाला-टीका अभिधानचिन्तामणि टिप्पणीसह पञ्चपाठ अभिधानचिन्तामणिनाममाला
हेमचन्द्रसुरि
:
सं.
प्राणपत्याहेता
अध्याय ६काडग्र. :२६३०
अभिधानचिन्तामणिनाममाला-टिप्पण १०२१३ : अनेकार्थतिलक
: मध्यम
कागज
महीप
ग्र.९५० कागज
संपूर्ण
(७४)
....
.
(१०.२४४.५)
ग्रं.३३५७. : कागज
प्रतिपूर्ण
(69)
(१०.२४४.५)
काव्यकल्पलता कविशिक्षावृत्तिसहजीर्ण कविशिक्षा
अमरचन्द्रसूरि कविशिक्षा-काव्यकल्पलता टीका...... अमरचन्द्रसूरि रघुवंशमहाकाव्य सटीक तृतीयसर्गथी मध्यम सप्तमसर्ग पर्यन्त रघुवंशमहाकाव्य
:कालिदास रघुवंशमहाकाव्य-टीका : मेघदूतमहाकाव्य सटीक मेघदुतमहाकाव्य
कालिदास मेघदूतमहाकाव्य-टीका १०२१७ : कुमारविहारशतक..
वागर्थाविच सम्पती
पद्य
गद्य
श्रेष्ट
सपूर्ण
(१०.५४४.५)
(४०) पद्य गद्य
सपण
गा.११६
:१०२१८: सूक्तावली
संपूर्ण
कागज
(४१
(१०.५४४.२)