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ग्रंथांक
स्थिति
पूर्णता
प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
ॐog
(पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार
प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र परिमाण
रचना वर्षआदिवाक्य
क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- झे.पत्र/.पत्र) कृति प्रकार
प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
कर्ता
ग्रं. ११०००
गद्य
वृहत्कल्पसूत्रविशेषचूर्णि बृहत् कल्पसूत्र-विशेषचूर्णी वृहत्कल्पसूत्रनियुक्ति-भाष्य-वृत्तिसहजीर्ण प्रथमखण्ड
प्रा. प्रतिपूर्ण
१००४१
कागज
वि. १५७३
२४२
(२४१)
प्रथम पत्रमा क्र.९९९०ना टिप्पणमा जणाच्या प्रमाणेनुं चित्र छे. पत्र १८३९ डबल छे.. (१३.५४५.२).
बृहत् कल्पसूत्र
अध्याय ६उद्दे.
मणो कप्पड णिग्गन्थाण
बृहत् कल्पसूत्र-नियुक्ति बृहत् कल्पसूत्र-लघुभाष्य
गा.६६००
काऊण नमोक्कारं तित्थ : पद्य
भद्रबाहुस्वामी भद्रबाहस्वामी सङ्घदास गणि क्षमाश्रमण : मलयगिरिसूरि,
क्षेमकीर्ति :जीर्ण
बृहत् कल्पसूत्र-वृत्ति
:सं..प्रा.
प्रकटीकृतनिःश्रेयसपद
गद्य
क्षेमकीर्तिसूरि वडे सं. १३३२ मां परिपूरित.
प्रतिपूर्ण
कागज
वि. १५७४
:१३४
:(१३.५४५.२)
१००४२ : वृहत्कल्पसूत्रनियुक्ति-भाष्य वृत्तिसह ।
द्वितीय खण्ड बृहत् कल्पसूत्र बृहत् कल्पसूत्र-लघुभाष्य
भद्रबाहस्वामी
अध्याय ६उद्दे. गा.६६००
णो कप्पड णिग्गन्थाण काऊण नमोक्कारं तित्थ
सडघदास गणि
:प्रा.
: पद्य
क्षमाश्रमण
भद्रबाहस्वामी
बृहत् कल्पसूत्र-नियुक्ति बृहत् कल्पसूत्र-वृत्ति
सं.प्रा.
प्रकटीकृतनिःश्रेयसपद
क्षेमकीर्तिसूरि वडे सं. १३३२ मा परिपूरित.
मलयगिरिसूरि, क्षेमकीर्ति जीर्ण
प्रतिपूर्ण
वि. १६मी
१५१
:(१३.५४५.२)
बृहत्कल्पसूत्रनियुक्ति-भाष्य वृत्तिसह तृतीय खण्ड बृहत् कल्पसूत्र बृहत् कल्पसूत्र-नियुक्ति बृहत् कल्पसूत्र-लघुभाष्य
भद्रबाहस्वामी
णो कप्पड णिग्गन्थाण
भद्रबाहुस्वामी
सङ्घदास गणि
प्रा.
गा. ६६००
काऊण नमोक्कार तित्थ : पद्य
क्षमाश्रमण
बृहत् कल्पसूत्र-वृत्ति
सं.,प्रा.
प्रकटीकृतनिःश्रेयसपद
गद्य
क्षेमकीर्तिसूरि वडे सं. १३३२ मां परिपूरित.
मलयगिरिसूरि, क्षेमकीर्ति जीर्ण
प्रतिपूर्ण
कागज
वि.१६मी
१००४४ बृहत्कल्पसूत्रनियुक्ति-भाष्य वृत्तिसह
चतुर्थ खण्ड
८२
८२)
प्रतक्रम-१००४१ थी १००४४ चारेय खण्डोना कुल ग्रन्थान-४२००० छे.. (१३.५४५.२)
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