________________
ग्रंथांक
स्थिति
पूर्णता
प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
(पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार
प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र परिमाण
रचना वर्षआदिवाक्य
क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी-
प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
कृति प्रकार
.१०.२४४.२)
गा.१७
शान्ति शान्तिनिशान
पद्य
श्रेष्ठ
-
(१०.२४४.५)
वि. १८मी
श्लोक २१५
.वि.१६५६
सपूर्ण
कागज..............वि. १८मी......
पं. रविवर्धने लखेली प्रति...(१०४४.२)...
A.
श्रेष्ट
संपूर्ण
...वि. १७मी.
(१०.२४४.५)
लघुशान्तिस्तोत्र
मानदेवसूरि लघुशान्तिस्तोत्र-टीका
गुणविनय ८२८१ बृहत् शान्तिस्तवावचूरि बृहत् शान्तिस्तव-अवचूरि
हर्षकीर्तिसूरि ८३५९.. नन्दिस्तुति व्याख्यासह
श्रेष्ठ नन्दिस्तुति नन्दिस्तुति-व्याख्या
:गणसौभाग्य .८३७९... पञ्चाशक सटीकगतविचार ....
पञ्चाशकटीकागतविचार उपदेशचिन्तामणिगत साधुअधिकार मध्यम उपदेशचिन्तामणी
जयशेखरसूरि ८३८५ जीवद्रव्य तथा कालद्रव्य स्वरूपविचार श्रेष्ठ
जीवद्रव्य तथा कालद्रव्य स्वरुपविचार ८३८७ द्रव्यस्तवविचार आदि
:श्रेष्ठ (प.) द्रव्यस्तवविचार (पे.२) खरतर-उत्पत्तिविचार भावनात्मक देवगुर्वादिवर्णन ............श्रेष्ठ
प्रा.सं. प्रतिपूर्ण
८३८३...
कागज
वि.१८मी
(१०४४.५)
संपूर्ण
कागज
वि. १६मी
(१०.५४४.५)
'कि
.....
कागज............. वि. १७मी
(१०.२४४.५ (पे.पू. १-६) (पे.पू. १-६) (१०.५४४.५)..
ज...........: वि. १७मी
वि. १८मी
(१०x४.२)
(प.पू.१-4) (पे.पू. १-5). (१०.२४४.२)
८४०२
मध्यम
संपूर्ण
कागज
। वि.१७मी
पञ्चविधव्यवहारविचार तथा लब्धिविचार (पे.१) पञ्चविधव्यवहारविचार ... (पे.२) लब्धिविचार. शीलाइगरथ तथा सामाचारीरथ सचित्र शीलाड़गरथ तथा सामाचारीरथ रागदोषपृच्छाप्रकरण आदि (पे.) रागदोषपृच्छाप्रकरण :/पे.२) नवकारमन्त्रविचार
संपूर्ण
न..........
:वि.१७मी
(१०x४.२).. (पं.. . (पे.पू. १)