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ग्रंथांक
स्थिति
पूर्णता
प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
(पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार
प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र परिमाण
रचना वर्ष आदिवाकर
क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी-
प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
कता
भाषा
कति प्रकार
गा.८६
निच्छिन्नमोहपास
पद्य
गाथा १०४ सुधी मळे छे.
सपूर्ण
पद्य
....
प्रा
कागज..............वि. १६मी.....६
:(१०.५४४.५) पडिमा मिच्छा कोडी .
(पे.पू.? गा.७७
(प.पू.) दसणसुद्धिपयासं ....... पद्य.............. ..(पे...?... कागज वि. १६मी
(१०.२४४.५)
पद्य
गा.७०
षडशीतिप्रकरण सावचूरि पञ्चपाठ .. आगमिकवस्तुविचारसारप्रकरण प्राचीन जिनवल्लभ चतुर्थ कर्मग्रन्थ षड्शीति आगमिकवस्तुविचारसारप्रकरण प्राचीन चतुर्थ कर्मग्रन्थ षडशीति-अवचूरि. विचारसप्ततिकाप्रकरण आदि.......... (पे.५) विचारसप्ततिकाप्रकरण.....महेन्द्रसिंह सूरि (पे.२) वनस्पतिसप्ततिकाप्रकरण मुनिचन्द्रसूरि (पे.३) दर्शनसप्ततिकाप्रकरण
हरिभद्रसूरि लोकनालिकाद्वात्रिंशिकाप्रकरण मध्यम अवचूरि पञ्चपाठ लोकनालिकाद्वात्रिशिका .. लोकनालिकाद्वात्रिंशिका-अवचूरि चैत्यवन्दनादिभाष्यत्रयावचूर्णि : मध्यम चैत्यवन्दनादिभाष्यत्रय-अवचूरि सोमसुन्दरसूरि विकृतिनिर्विकृतिचतुर्विशतिका आदि . श्रेष्ठ (पे.9) विकृतिनिर्विकृतिचतुर्विंशतिका ... सिद्धसेनसूरि (पे.२) कल्प्याकल्प्यविचारचतुर्विंशतिका सिद्धसेनसूरि पञ्चसंसार
Gિ૬૮૬
संपूर्ण
गा.३२
अहीपणमित्तु सुरिन्द
संपूर्ण
कागज
वि.१७मी
(१०.२४४.५)
संपूर्ण
...........वि..१८मी...
श्रेष्ठ
वि.१७मी
उभय गाथा-५०..(९.५४४.२.... (प.पू. १-२) (पे.पू. १-२)............... (१०.५४४.५) आमां पुद्गलपरावर्तनुं स्वरूप वर्णवेलुं छे. ग्रन्थ दिगम्बराचार्यकृत अथवा दिगम्बराचार्य कृत ग्रन्थमाथी उद्धृत लागे छे. .१०.२४४.५).. बन्ने का नाम अलग-अलग मळे छे? खरा कर्ता कोण? गाथा-१६६. ग्रन्थान-२४०..(१०x४.५) बन्ने का नाम अलग-अलग मळे छे? खरा कर्ता कोण? गाथा-२५...(१०.५४४.५..
७७५३तास्वादशिक्षाप्रकरण
सपण
कागज
वि. sax
प्रा
लोक १६८
सहजकुशल, सकलचन्द्र
७७५४ :श्रुतास्वादशिक्षाप्रकरण
श्रेष्ठ
संपूर्ण
:कागज
4D
श्लोक १६८
सहजकुशल, सकलचन्द्र
:७७५५.. नवकारफलप्रकरण
श्रेष्ठ
संपूर्ण.........कागज. .............वि. १६मी.....१
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