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ग्रंथांक
स्थिति
प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
पूर्णता भाषा
(पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार
प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र परिमाण रचना वर्ष आदिवाक्य संपूर्ण
कागजवि . १८९२
क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- झे.पत्र/झे.पत्र) कति प्रकार
प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष क्रति विशेष, पेटॉक पृष्ठ, पेटा विशेष
कर्ता
७५०६
नमोस्तु वर्धमानाय...
पद्य
नमो
स्तु वर्धमानाय
सावचूरिक आदि (पे.१) नमो
स्तु वर्धमानाय वीरस्तुति सह
(सं.)अवचूरि नमोस्तुवर्धमानाय वीरस्तुति ........... नमोस्तुवर्धमानाय चीरस्तुति-अवचुरि ... (पे.२) विशाललोचन सह (सं.)अवचूरि.. विशाललोचन वीरस्तुति विशाललोचन-अवचुरि ओघनियुक्ति
भद्रबाहुस्वामी
(पे.पू.-२)
विशाललोचनदलं
पद्य
गद्य
७५०८
संपूर्ण
: वि.१०मी
(२९) दुविहोवक्कमकालो सामा: पद्य
ग्रन्थान-११६०.प्रति शोधेली छे..(१०.२४४.५) गाथा-११४० थी ११९० सुधी मळे छे.
प्रा.
गा. ११६३ ग्रं. । १४३२
कागज
श्रेष्ठ
सपूर्ण
वि.१४६३
४१
(89)
1७५०९ । आवश्यकसूत्रनियुक्ति
आवश्यकसूत्र-नियुक्ति
ग्रन्थान-३३००., (१०.५४४.५) आनुं अने नंदिसूत्रनुं आदिवाक्य समान छे.
भद्रबाहुस्वामी
: पद्य
:गा. २५०० ग्रं.
3900
जयइ जगजीवजोणी :वियाणओ
संपूर्ण
कागज
वि. १०मी
५23
जीर्ण सुधर्मास्वामी
५२३
ग्रन्थान-२२५००., (१०x४.७)
। (५२३)
सयुक्त प+ग
आवश्यकसूत्र हारिभद्रीया वृत्तिसहित आवश्यकसूत्र आवश्यकसूत्र-शिष्यहितावृत्ति दशकालिकसूत्र.........
हरिभद्रसरि
:
प्रा.
ग्र.२२०००
प्रणिपत्य जिनवरेन
गद्य
:संपणं
कागज
:श्रेष्ठ शय्यम्भवसरि
वि. १७मी...
(२४).. संयुक्त प+ग
...: पत्र १८-१९ भेगां छे...(१०x४.५),
:
ग्र.७००
धम्मो मङ्गलमुक्किट्ठ
७५१७..दशकालिकसूत्र..
श्रेष्ठ
संपर्ण
कागज
वि. १३010
(१५)
१०.२४४.५
शय्यम्भवसरि
गं (900
७५१८
दशवैकालिकसूत्र
संपूर्ण
कागज
वि.१७मी
(१०.२४४.५)
गं.७००
७५१९... दशवैकालिकसूत्र .
कागज
वि.१७मी
धम्मो मङगलमुक्किट्ठ : संयुक्त प+ग
(२१) धम्मो मङ्गलमुक्किट्ठ:
संयुक्त प+ग ..३५.
(३५).. धम्मो मङगलमुक्किट्ठसंयुक्त प+ग
(२२) धम्मो मङगलमुक्किट्ठ संयुक्त प+ग
१०.२X४.५
ग्र.७००
संपणं
कागज
वि.१६५७
.३१
१०.५४४.५
७५२४ दशवैकालिकसूत्र टिप्पणीसहित
दशवैकालिकसूत्र
1900
393