________________
ग्रंथांक
६६७६
૬૬૭૮
६६८२
६६८४
६६८५
६६८६.
६६८७
६६८९
६६९०
६६९१
प्रत नाम
(पेटा नंबर), पेटा नाम कृति नाम
तर्कसङ्ग्रह
न्यायतत्त्वविवेक
न्यायकन्दली
टीका
न्यायकुसुमोद्गमोदयव्याख्या वैशेषिकदर्शन-पदार्थधर्मसङ्ग्रह टीकानी न्यायकन्दली टीकानी न्यायकुसुमोद्गमोदयव्याख्या प्रशस्तपादभाष्य-वैशेषिकभाष्य
वैशेषिकदर्शन-पदार्थधर्मसङ्ग्रह टीका प्रशस्तपादाचार्य न्यायकुसुमाञ्जलिपरिमल प्रथमस्तवक ! श्रेष्ठ न्यायकुसुमाञ्जलिप्रकरण- परिमल
श्रीदिवाकर
न्यायमकरन्द-न्यायोपदेशमकरन्द
न्यायमकरन्दप्रकरण पदार्थरत्नमञ्जूषा
प्रमाणनयतत्त्वालोकालङ्कार स्वोपज्ञ स्याद्वादरत्नाकरवृत्तिसह प्रथमखण्ड प्रमाणनयतत्त्वालोकालङ्कार
प्रमाणनयतत्त्वालोकालङ्कारस्याद्वादरत्नाकरवृत्ति
रत्नाकरावतारिकाटिप्पनक
रत्नाकरावतारिका-टिप्पणक
स्थिति
कर्ता
श्रेष्ठ
प्रमाणकलिकासूत्र तथा प्रमाणकलिकावृत्ति
प्रमाणकलिकासूत्र
आनन्दज्ञान
मध्यम
उदयकर
जीर्ण
वोम्मीदेव
श्रेष्ठ
मध्यम
आनन्दबोध
श्रेष्ठ
कृष्ण पण्डित
मध्यम
वादिदेवसूरि वादिदेवसूरि
मध्यम
ज्ञानचन्द्र
श्रेष्ठ
शान्तिसूरि
पूर्णता
भाषा
संपूर्ण
सं.
संपूर्ण
संपूर्ण
सं.
संपूर्ण
सं.
प्रतिपूर्ण
संपूर्ण
सं.
संपूर्ण
सं.
प्रतिपूर्ण
प्रा.
सं.
संपूर्ण
संपूर्ण
सं.
(पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार
प्रत प्रकार
प्रतिलेखन वर्ष पत्र
परिमाण
कागज
कागज
कागज
कागज श्लोक ७७७
कागज
कागज
कागज
श्लोक ३१८ ग्रं.
३२०
कागज
ग्रं. ७२८४
कागज
ग्रं. २१०४
कागज
श्लोक ५७
रचना वर्ष
वि.१५मी
वि. १५मी
वि. १५मी
वि. १५मी
वि. १५मी
वि. १५मी
वि. १५मी
वि. १५मी
वि. १५मी
वि. १५मी
367
आदिवाक्य
३०
२४-२ (१२) २२
६७
नित्यज्ञानदयैश्वर्य
१२
प्रणम्य हेतुमीश्वरं १६
२९
६
नमामः संसारोरूमिहिर
१८२
३२
४६
क्लिन / ओरिजिनल
डीवीडी (डीवीडी
झे. पत्र (झे. पत्र) कृति प्रकार
(३०)
(२३).
(६८)
गद्य
(93)
पद्य
(१६)
गद्य
(30)
(७)
पद्य
(१८२)
गद्य
(३२)
गद्य
(४६)
पद्य
प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
(१२४५)
(१२४५)
( १२४४.७)
(१२४४.७)
(१२४४.७)
(१२४४.७)
(१२४४.७)
ग्रन्थाग्र-१५०००., (१२X४.७)
(१२४४.७)
( १२४४.७)