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(पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार
प्रतिलेखन वर्ष पत्र
स्थिति
पूर्णता
प्रत प्रकार
ग्रंथांकपत नाम
(पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
। क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- झे.पत्र/झे.पत्र) कति प्रकार
प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
कर्ता
भाषा
परिमाण
रचना वर्ष
आदिवाक्य
काव्य-99 तक है. कृ.वि.अमुक प्रतोमा ४८ काव्य पण छे] (११.७४४.५)
१०३३
यतिदिनचर्या
माध्यम
कागज
संपूर्ण प्रा. प्रतिपूर्ण
भावदेवसूरि मध्यम
वीरं नमिऊण जिणं...
गा. १५४ :कागज
(६) : पद्य :(३९)
:(११.७४४.७)
देवदेवं प्रणम्यादी
१०३६ कातन्त्रव्याकरण दौर्गसिंहीवृत्ति
चतुष्कवृत्ति कातन्त्रव्याकरण-दौर्गसिंहीवृत्ति कातन्त्रव्याकरण दौर्गसिंहीवृत्ति आख्यातवृत्ति
कातन्त्रव्याकरण-दौर्गसिंहीवृत्ति १०५३... तत्त्वार्थाधिगमसूत्र
दुर्गसिंह जीर्ण
गद्य (६०)
१०३७
प्रतिपूर्ण
कागज
(११.७४४.७)
देवदेवं प्रणम्यादी
दुर्गसिंह श्रेष्ठ
कागज
(१०.२४४.२.
उमास्वाति
अध्याय १०
सम्यग्दर्शनज्ञानचारि
१०५४
मध्यम
कागज
(१०.२४४.२)
अध्याय १०
:१०५५
संपूर्ण
कागज
वि. १८वी
.............
(१०.२४४.२)
अध्याय १०
..........
तत्त्वार्थाधिगमसूत्र
उमास्वाति तत्त्वार्थाधिगमसूत्रभाष्यटीकासहित...
श्रेष्ठ (4.9) तत्त्वार्थाधिगमसुत्र......... उमास्वाति तत्त्वार्थाधिगमसूत्र-भाष्य
उमास्वाति तत्त्वार्थाधिगमसूत्र-स्वोपज्ञभाष्य नी सिद्धसेन टीका (पे.२) तत्त्वार्थाधिगमसूत्र ....
उमास्वाति बृहत् क्षेत्रसमासप्रकरण,
जीर्ण जिनभद्र गणि
सम्यग्दर्शनज्ञानचारि ५४३
........ : सम्यग्दर्शनज्ञानचारि
सम्यग्दर्शनशुद्ध वीरं प्रणम्य सर्वज्ञ
गद्य
ग्रं.२२२८२
गद्य
वृत्ति भाष्य उपर पण छे.
अध्याय १०
सम्यग्दर्शनज्ञानचारि
(प.पू. ५३८-५४३ : गाथा-६५५., (१०.१४४.१)
११५४
कागज
वि. १६वी
प्रा.
गा.६४०.८७५
पद्य
नमिऊण सजलजलहरनिभस्सण
क्षमाश्रमण
११६४
नव्यबृहत्क्षेत्रसमासप्रकरण
जीर्ण
संपूर्ण
कागज
वि. १५मी
(१०.२४४.५)
सोमतिलकसरि
गा.३८६
सिरिनिलयं..
पच
११६६
श्रेष्ठ
(२०)
(१०.२४४.२)
पद्य
नव्यबृहत्क्षेत्रसमास अवचूरि नव्यबहत्क्षेत्रसमासप्रकरण-अवचरि गुणरत्नसूरि नव्यबृहत्क्षेत्रसमास अवचूरि
जीर्ण नव्यवहत्क्षेत्रसमासप्रकरण-अवचरिगणरत्नसरि
। ११६७
सपूर्ण कागज
वि.१५मी श्लोक १०३६ संपूर्ण कागज. । वि. १४६२.. सं............: श्लोक १०३६.....
330
(१२.......... पद्य
पत्र पसु डबल छे...(१०.२४४.२)..