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४१२
संपूर्ण
१०२
(वताकांति) प्रवर्तक कान्तिविजयजी महाराज-ताडपत्रीयभंडार - वडो
९७/९८(६१) ग्रं. १२८० नमो अरिहन्ताण... संयुक्त प+ग.....(पे.पृ.१)
पे.पू..... ९७/९८(३०)
भट्रबाहस्वामा
प्रा.
संपूर्ण
ताडपत्र
गच
संपर्ण
ताडपत्र
९७/९८(३४)
कल्पसूत्र कालिकाचार्य कथा (4.9) कल्पसूत्र (पे.२) कालिकाचार्यकथा पर्युषणाकल्प टीप्पणक कल्पसूत्र-टिप्पणी दशवकालिक पाक्षिक सूत्र (पे.१) दशवकालिकसुत्र (पे.२) पाक्षिकसूत्र सामाचारी सामाचारी उपधानविधि-प्रकरण- मालारोपणविधि (पे.) उपधानविधिप्रकरण (पे.२) मालारोपणविधि
सं
यक्त प+ग
(प.पू.71
धम्मो मङगलमविकटठ तित्थड़करे य तित्थे
ग्र.३५०
संयुक्त प+ग
(पे.पू...
श्रेष्ठ
संपर्ण
ताडपत्र
९७/९८(१४2..
उपधान, मालारोपण, योगविधि आदि.
श्रेष्ठ
संपूर्ण
ताडपत्र
९७/९८(४)
मानदेवसरि
गा.५४
अथ महानिशीथ प्रामाण
(प.पू.... (पे.पृ.?)[कृ.वि. : अन्तिमवाक्य-एवं महानिशीथIतोपि. विधेयमिति..
प्रतिपूर्ण
९७/९८(८३)
४१७... उपमितिभवप्रपञ्चाकथा-तृतीयखण्ड .....श्रेष्ठ उपमितिभवप्रपञ्चा कथा
। सिद्धर्षि गणि
वि.९६२
२३९ नमो नि शिताशेषमहा
प्रस्ताव-८./विशिष्ट रचना प्रशस्ति.
ताडपत्र अध्याय ८ ग्रं. १६००० ताडपत्र
संपूर्ण
1.९७/९८(३२)...
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४१८... वन्दनक चूर्णी
वन्दनक भाष्य-चूर्णि चन्द्रप्रभस्तुति व अमृताशीति (4.9) चन्द्रप्रभस्तुति (पे.२) अमृताशीति
संपूर्ण
ताडपत्र
वि.११९२
९७/९८(६)
गा.४
सं.
श्लोक ७९
विश्वप्रकाशिमहिमान
योगीन्द्रदेव (दिगम्बर)
प्रतिलेखन पुष्पिका दी गयी है, (पे.पू..... (पे.पृ. १-७) पं.वि. : प्रतिलेखन पुष्पिका में "योगसारख्य' अथवा 'योगस्मराख्य' इस तरह कृतिनाम लिखा गया है. वस्तुतः योगीन्द्रदेव । रचित अमृताशीति नामक कृति है.सन्दर्भ देखें - १२५९ पत्र-८५..
संपर्ण
ताडपत्र
९७/९८(२)..
४२१.धरणोरगेन्द्र संस्कृत
धरणोरगेन्द्रस्तव
श्रेष्ठ देवसूरि
गा.३६ग्र.
धरणोरगेन्द्रसुरपति
भुगकच्छ वास्तव्य आवकद्वादश व्रत
श्रेष्ठ
संपर्ण
ताडपत्र
९७/९८(४)
स्वरुप
275