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ग्रंथांक
प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
(पातासंघवीजीर्ण)पाटण ताडपत्रीय ज्ञान भंडार संघवी पाडाना जीर्ण, त्रुटक अने चोंटेला भंडार स्थिति
पूर्णता प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र
क्लिन/ओरिजिनल प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल
डीवीडी (डीवीडी-पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष भाषा परिमाण रचना वर्ष आदिवाक्य
झे.पत्र/झे.पत्र)
कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
कर्ता
कति प्रकार
सर्वज्ञं सर्वदेवार्च
गद्य
(पे.२) हैमलघुवृत्ति आख्यात अवचूरि सिद्धहेमशब्दानुशासन-लघुवृत्तिनी अवचूरि श्राद्धप्रतिक्रमणवृत्ति
जीर्ण
: ताडपत्र
co
५७/६०(३४)
ग्रं.२७७०
वृन्दारुवृन्दारक
गद्य
संपूर्ण
ताडपत्र
५७/६०(५४)
गा.३७
नमिऊण जिणं वीरं
पद्य
श्रावकषडावश्यकसूत्र-वन्दारु वृत्ति...... देवेन्द्रसूरि.. श्रावक बार व्रत ग्रहण आदि
जीर्ण (पे.9) त्रिषष्टिध्यानकथानकप्रकरण : (मे.२) चउद्दसगकुलक (पे.३) पच्चक्खाणविवरणगाथा (पे.४) पच्चक्खाणविचारगाथा
(पे. पृ. ११) कृ.वि. : जयानन्दसूरिशिष्य अमरचन्द्रकृत? रचना
संवत-१२६४? । (जुनो नं. ३४(२))पत्र ८०थी पण वधारे छे पण
त्रुटक छे ने अपूर्ण..(१४४१.५) मात्र प्रतिक्रमण ऊपर के षडावश्यक ऊपर?.. (जुनो नं. २४२). (१५४२) (पे.पृ. 9A-RA) (प.पू. २A-38 (पे.पृ. 9A-२).... (पे.पृ. २४-३६) पे.वि. : अपूर्ण. गाथा १९ तक है. पच्चक्खाण संबंधी परचुरण गाथा. [कृ.वि. : परिमाण काव्य मां आपेल छे.] (पे. पृ.?) पे.वि. : झेरोक्ष पत्र-६-२२./विविध परचूरण धार्मिक कृतियां
गा.४०
जीवगणठाणमग्गण अजीवउपद्य
E:
गा.८२
दुविहं पच्चक्खाणं सूरम्मि उग्गयम्मी
-20
(ये.५) धार्मिक विविध विचारसंग्रह
५८-१
५७/६०(४०)
(जुनो नं. १८१)पत्र अस्त-व्यस्त हैं..(१४.५४२.२)
:५८-२
प्रतिपूर्ण
ताडपत्र
५७/६०(२५)...
मूल पत्र४८ नथी. झेरोक्ष पत्र २४ बेवडाएल छे.
अध्याय १२प्रका
प्रतिक्रमण, प्रत्याख्यानादि विविध धार्मिक विचारसग्रह मलयगिरिव्याकरण तथा परचुरण पत्र जीर्ण आदि मलयगिरिशब्दानुशासन
मलयगिरिसूरि योगशास्त्र सह स्वोपज्ञ विवरण
:जीर्ण योगशास्त्र
हेमचन्द्रसूरि योगशास्त्र-स्वोपज्ञ वृत्ति
हेमचन्द्रसूरि प्रतिष्ठविधि व नन्द्यावर्तविधान .. जीर्ण (पे.) प्रतिष्ठाविधि (ये.२) नन्द्यावर्तविधान प्रवचनसन्दोह-पञ्चसूत्रादि तथा जीर्ण न्यायकन्दली टीका (2.9) पवयण संदोह
नमो दुर्वाररागादिवर प्रणम्य सिद्धादभुत
ग्र.१२०००
५८-३
संपूर्ण
........
५७/६०५८).......(जुनो नं. १०)..
(पे.पृ.१-१४2.
(पे.पू. १४-१५) ५७/६०(२४) (जुनो नं. २६८(६)?)त्रुटक-नकामी-जीर्ण.
गद्य
२६५-१(१)=२६४
(प.प्र.२-२३) पे.वि. : अपूर्ण. झेरोक्ष पत्र-9-८
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