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ग्रंथांक
स्थिति
प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
कर्ता
कति प्रकार
(पाताहेसं) पाटण ताडपत्रीय ज्ञान भंडार हेमचन्द्राचार्य संघभंडार पूर्णता प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र
क्लिन/ओरिजिनल प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल
डीवीडी (डीवीडी-पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष भाषा परिमाण रचना वर्षआदिवाक्य
झे.पत्र/झे.पत्र)
। कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
पच्चक्खाणनी पण होई शके महावीर जैन
विद्यालयथी आ बन्ने छपाया छे)] गा. १७२ ग्रं. नमिऊण महाइसयं महाणु : पद्य
(पे.पृ.???) [कृ.वि. : गाथा १७१ थी १७३ सुधी
मळे छे] गा. १२४ काऊण नमोक्कारं जिणवर पद्य
(प.पू.?-४४) अपूर्ण ताडपत्र
१७५-१०५(१ थी १०५)-७०/८/१८(६२) (१५.२४२)
(पे.४) भक्तपरिज्ञाप्रकीर्णक
वीरभद्र
१०१
श्रेष्ठ
(पे.५) संस्तारकप्रकीर्णक
ओघनियुक्ति टिप्पणीसह, पिण्डनियुक्ति अपूर्ण (पे.१) ओघनियुक्ति टिप्पणीसह. ओघनियुक्ति
(प. पृ. १-१०६ कृ.वि.: गाथा-११४० थी ११९० सुधी मळे छे..
भद्रबाहुस्वामी
प्रा.
दुविहोचक्कमकालो सामा
पद्य
गा.११६३ग्रं. १४३२
गद्य
ओघनियुक्ति-टिप्पणी (पे.२) पिण्डनियुक्ति
भद्रबाहुस्वामी
:प्रा.
:गा.६९७
:पिण्डे उग्गम उप्पायण
:पद्य
(पे.पू. १०६-१७५) [कृ.वि. : गाथा ६९७ थी ७९०
सुधी मळे छे]
१६४
श्रेष्ठ
अपूर्ण
ताडपत्र
११८-१०७(१ थी १०७)=११
1८/१८(५६)
(पे. पृ. १०८
नमोअरिहन्ताण...
संयक्तप+ग
कल्पसूत्र टिप्पणीसह कालिकाचार्यकथा पद्य (पे.) कल्यसुत्र सह (सं.)टिप्पणी कल्पसूत्र कल्पसूत्र-टिप्पणी (मे.२) कालिकाचार्यकथा कल्पसूत्र टिप्पणी त्रुटक अपूर्ण कल्पसूत्र कल्पसूत्र-टिप्पणी कल्पसूत्र टिप्पणीसह कालिकाचार्यकथा
(पे.पृ. १०८-११८)
श्रेष्ठ
ताडपत्र
११०
1८/१८(२८)
संयुक्त प+ग
भद्रबाहस्वामी
ग्रं. १२८०
नमो अरिहन्ताणं........
श्रेष्ठ
ताडपत्र
१४६
९/१८(६४)
मूल पत्रांक-१३४+१२-१४६. / झेरोक्ष पत्रांक १ नुं बे वखत झेरोक्ष थयेलुं छे, जेना उपर पत्रांक ६६ लखेलुं छे पण खरेखर पा→ ६४ सुधी ज छे.... (प. पृ. १-१०२/
नमो अरिहन्ताणं...
संयुक्त प+ग
(पे.१) कल्पसूत्र सह टिप्पणी कल्पसूत्र कल्पसूत्र-टिप्पणी (पे.२) वीरजिन सिद्धिगमन पश्चात्
वीरजिणे सिद्धिगए
गद्य
(पे.पू. १०२९)
194