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ग्रंथांक
स्थिति
प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
(पाताहेसं) पाटण ताडपत्रीय ज्ञान भंडार हेमचन्द्राचार्य संघभंडार पूर्णता प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र
क्लिन/ओरिजिनल प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल
डीवीडी (डीवीडी-पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष भाषा परिमाण रचना वर्ष आदिवाक्य
झे.पत्र/झे.पत्र)
कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
कर्ता
कति प्रकार
(ये.२) कर्मस्तव
गा. ५८
नमिऊण जिणवरिन्दे
पद्य
कर्मस्तव प्राचीन द्वितीय कर्मग्रन्थ (पे.३) कर्मस्तवभाष्य
(पे.प्र. आ-६आ) पे.वि. : संपूर्ण गाथा-५६. झेरोक्ष पत्र-१-२. कृ.वि. : गाथा ५४ थी ५८ मळे छे.. (पे. पृ.६अ-१अ) पे.वि. : संपूर्ण गाथा-२७. झेरोक्षपत्र-१-४. कृ.वि. : अन्त वाक्य-अणुदय पत्तुदीरमा या.
कर्मस्तव प्राचीन द्वितीय कर्मग्रन्थ
गा.३३
बन्धेविसुत्तरसयं
पद्य
भाष्य-२
(पे.४) कर्मविपाक प्राचीन प्रथम
गर्गर्षि
:गा.१६७
ववगयकम्मकलकं वीरं
पद्य
(ये.५) शतक
शिवशर्मसूरि
अरहन्ते भगवन्ते अणु
प द्य
शतक प्राचीन पञ्चम कमेग्रन्थ (पे.६) सत्तरिया
(पे.पृ. ९अ-२३आ) ये.वि. : संपूर्ण. गाथा-१६८. झेरोकपत्र-३-८.कृ.वि.: गाथा १६६ थी १७८ सुधी मळे छ.] (प. पृ. २४अ-३४अ) पे.वि. : पूर्ण, झेरोक्ष पत्र-७-९. ताडपत्रीय पत्र-३१ नहीं है.
कृ.वि. : गाथा ९० थी ११२ सुधी मळे छे. (पे. पृ. ३४अ-४२आ) पं.वि. : संपूर्ण गाथा-९४. झेरोक्ष पत्र-९-१२. कृ.वि. : चन्द्रमहत्तरीयानुसार। गाथाओ८३थी ९१ सुधी मळे छे. (पे. पृ. ४२आ-५२आ) पे.वि. : संपूर्ण गाथा-१०६. झेरोक्षपत्र-१२-१६ कृ.वि. : गाथा १०४ सुधी मळे छे.
सप्ततिका षष्ठ प्राचीन कर्मग्रन्थ
:चन्द्रषि महत्तर
प्रा.
: सिद्धपएहिं महत्थं
(ये.७) छायासीयं
जिनवल्लभ
गा.८६
निच्छिन्नमोहपासं
आगमिकवस्तुविचारसारप्रकरण प्राचीन चतुर्थ कर्मग्रन्थ षडशीति (पे.८) सार्द्धशतक
सुक्ष्माथविचारसारप्रकरण
गा.१६४
सयलन्तरायवीर वन्दियपद्य
(पे. पृ. ५२आ-६७आ) पे.वि. : संपूर्ण, गाथा-१५२. झेरोक्षपत्र-१५-२० कृ.वि. : गाथा १२३ थी १६४ सुधी जूदी-जूदी प्रतोमां मळे छे. (पे. पृ.६८आ-११२आ) पे.वि. : संपूर्ण गाथा-५३०. झेरोक्ष पत्र-१९-३२.
(ये.२) बृहत्संग्रहणी
सग्रहणीप्रकरण
गा.३६७
जिनभद्र गणिप्रा . क्षमाश्रमण
: निट्ठवियअट्ठकम्म
पद्य
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