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________________ ग्रंथांक स्थिति प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम कति प्रकार पाण्डवचरित्रमहाकाव्य देवप्रभसूरि मलधारी श्रेष्ट । उत्तराध्ययनसूत्र कागज सुधर्मास्वामी (पाताहेस) पाटण ताडपत्रीय ज्ञान भंडार हेमचन्द्राचार्य संघभंडार पूर्णता प्रत प्रकार प्रतिलेखन यर्थ पत्र क्लिन/ओरिजिनल प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल डीवीडी (डीवीडी-पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष परिमाण रचना वर्ष आदिवाक्य झे.पत्र/झे.पत्र) कति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष सं. सर्ग १८ ग्रं. श्रियं विश्वत्रय पद्य विशिष्ट रचना प्रशस्ति. ९८८४ संपूर्ण ६/१६(४२) . प्रा. अध्याय ३६ ग्रं. सञ्जोगाविष्पमुक्कस्य संयुक्त प+ग २०९५ संपूर्ण कागज .६/१६(५)........ (जुनो नं. ५६(०७?). नमिउण सजल जलहर पद्य गाथा-८४ थी १९९ सुधीनी प्रतो मळे छे. बृहत्क्षेत्रसमासनो संक्षेप छे. संपर्ण २५२ ६/१६(२५२) . मत्ये पतिर्दध्यौ कर्ता-नागेन्द्रगच्छ. ६/१६(९५). श्रेष्ठ जम्बूदीपक्षेत्रसमास प्रकरण जम्बूद्वीपसमासप्रकरण जिनभद्र गणि प्रा. :गा.८६ क्षमाश्रमण श्रेष्ठ कागज वासुपूज्यचरित्र महाकाव्य पद्य वासुपूज्यस्वामिचरित्र पद्य हरिविक्रमचरित्र वर्द्धमानसरि ग्र.५४९४ संपर्ण कागज ! जयतिलकसरि संपूर्ण ताडपत्र भद्रबाहस्वामा गं. १२८० नमो अरिहन्ताण... सयक्तप+ग कल्पसूत्र..कालिकाचार्यकथा.. (4.22 कल्पसूत्र.. (पे.२) कालिकाचार्यकथा कल्पसूत्रचूर्णि नियुक्ति 2C65 ताडपत्र २१२-२०५(१ थी २०५) 1.भद्रबाहुस्वामी प्रा. गं. १२८० नमो अरिहन्ताण... प्रा.... ग्र.1900 सम्बन्यो सत्तमासियं गद्य (4.9) कल्पसूत्र.. पे.२) कल्पसूत्र-चूर्णी. (पे.३) कल्पसूत्र-नियुक्ति कल्पसूत्र सचित्र कालिकाचार्यकथा गद्य गा.६७ पज्जोसमणाए अक्खराई भद्रबाहस्वामी श्रेष्ठ प्रा. संपूर्ण ६/१६(४०)...... (जनो नं. ६५(१)?2.(१४.५४२.. (प.पू..???). (प.पू.???). (जुनो नं. ७०(०७))त्रुटित. विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका. गायकवाड केटलॉगमां पर्युषणाकल्पसूत्र (सभाष्य)एम लखेल छे. संयक्त प+ग (पे.पू..??22. (पे.पू..???.. पद्य (पे.पू.???). ६/१६(५८) (जुनो नं. ६१(०६,७))पत्र ११०+३३. गायकवाड केटलॉगमा मूल पत्र ५३-११० कालकाचार्यकथा १११-१४३. विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका. (१३४२) संयुक्त प+ग (पे.पू. १-११८)..... प.पू..११९-१४३).... ६/१६(६०) (जुनो नं. ६१(१.२))विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका. । (नवा केटलॉगमा पत्र १०७ ज आप्या छे.) संयुक्त प+ग (पे.पू. १०७) ताडपत्र वि. १३४४ 1१४३ भद्रबाहस्वामी प्रा. ग्रं. १२८० नमो अरिहन्तार्ण..... ग्रं. 3GE (पे. कल्पसूत्र..... (पे.२) कालिकाचार्यकथा कल्पसूत्र टिप्पणी सहित कालिकाचार्यकथा गद्य (पे.१) कल्प सूत्र ताडपत्र भद्रबाहुस्वामी प्रा. ग्रं.१२८० नमो रिहन्ताण... 171
SR No.018001
Book TitleHastlikhit Granthsuchi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherStambhan Parshwanath Jain Trith Anand
Publication Year2005
Total Pages582
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size38 MB
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