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(ए) यदि पेटांक नाम न हो तो कृति प्रकार प्रिन्ट किया गया है. (ऐ) इसके बाद वह पेटांक प्रत में किस पृष्ठ से किस पृष्ठ तक है वे पृष्ठांक आएँगे. यथा (10-15) (10A-15B) यहाँ A, B यह पृष्ठ की अगली-पिछली तरफ के सूचक है. क्योंकि
हस्तप्रतों में सामान्यतः पृष्ठ के एक ही ओर पूरे पृष्ठ का क्रमांक होता है.
यदि पेटा विशेष उपलब्ध हो तो पेटा विशेष आएगा. (ऐ) यदि पेटांक का केस न हो तो कृति विशेष प्रिन्ट किया गया है. नोंध - यदि पेटांक का नाम हो तो उपर प्रिन्ट की गई सारी माहिती तृतीय लाईन में प्रिन्ट की गई है. जिसमें पेटांक नंबर एवं पेटांक नाम के स्थान पर कृति का नाम तथा ऊपर दिए गये
क्रमानुसार कर्ता, भाषा, परिमाण, रचनावर्ष, आदिवाक्य, कृति प्रकार तथा कृति विशेष आदि प्रिन्ट किया गया है.
* सूचनाओ लीस्टोमां कृति संबंधी नाम, भाषा, कर्ता, आदिवाक्य, रचनासंवत के कृतिविशेष आदि विगतो जे ते छपाएला सूचीपत्र करतां घणी जग्याए जुदी पडशे. केमके आ विगत जुदा-जुदा सूचीपत्रोमांथी भेगी करीने भरवामां आवी छे. सामान्यपणे गायकवाडी केटलोग, भांडारकर, खंभात अने जेसलमेरना प्रथम सूचीपत्रनो आमां विशेष आधार लेवामां आव्यो छे. केटलीक विगतो कोबा ज्ञानभंडारमाथी जे ते कृतिनी मुद्रित पुस्तको जोईने पण उमेरवामां आवी छे. जेमके महावीर विद्यालयवार्छ पइन्नय सुत्ताई.
जे प्रत के पेटांक माटे पृष्टनी विगत नथी मळी त्यां ? करी देवामां आव्यां छे. पेटांकमा क्यारेक अमुक पेटांको माटे भेगी एक सरखीज पृष्ट माहिती मळी छे त्यां ते माहिती ते बधा पेटांकोमा
आपी देवामां आवी छे. * जे कृतिओ माटे नाम सिवाय कांईज माहिती मळती नथी त्यां अने कृतिनाम बाबते कोई शंका रही जती होय त्यां घणे अंशे कृतिनामना छेडे ?' करी देवामां आव्यो छे. • ज्ञानभंडार ताडपत्रीय होय पण एमाय जो कोई प्रत कागळनी होय तो प्रतस्वरूपमा एनो ए रीते उल्लेख कयों छे. जेसलमेर ताडपत्रीय भंडारमा आधुं धणी वखत बन्युं छे.. * दरेक सूचीओमां सर्वप्रथम जे माहिती माटेना मथाळाओ आपवामां आव्या छे ते पैकीनी जे लागू पडती माहिती उपलब्ध हती तेटलीज नीचे सूचीमां प्रिन्ट करवामां आवी छे.जे माहिती नथी ते माटे अलगथी कोई खाली जग्या विगेरे राखवामां आवी नथी.