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ग्रंथांक
स्थति
प्रत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
(पातासंघवी) पाटण ताडपत्रीय ज्ञान भंडार संघवी पाडानो भंडार पूर्णता प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र
क्लिन/ओरिजिनल
डीवीडी (डीवीडी- परिमाण रचना वर्षआदिवाक्य
झझे.पत्र/झे.पत्र)
प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
कर्ता
भाषा
कति प्रकार
(पे.५) मोक्षोपदशेशपंचाशत्
कृ.वि. परिमाण आयर्या रूपे आप्यु छे] (पे. पृ. ५०-६१) पे.वि. : अपूर्ण. पत्र ५८-६० नथी. गाथा-६-५० नथी. झेरोक्ष पत्र-२१-२२.
:श्लोक ५१
मोक्षोपदेशपञ्चाशिका (पे.६) प्रशमरतिप्रकरण
मुनिचन्द्रसूरि.सं...... उमास्वाति सं.
शुद्धध्यानलवित्रेण वि. ११८५ :नाभेयाद्या सिद्धा
श्लोक ३१४
(पे.प्र.६१-८३) पे.वि. : श्लोक-३१०. अपूर्ण पत्र:६४,६६,७८,८० अन ८१ नथा. झक्षि पत्र-२१
(4.७) ज्ञानांकुशप्रकरण
(पे. पृ.८४-८६) पे.वि. : अपूर्ण. पत्रांक ८५ (श्लोक-११से२०) नहीं है. झेरोक्ष पत्र:३१-३२..
पद्य
ज्ञानाबकुश (पे.८) कर्मस्तव प्राचीन द्वितीय कर्मग्रन्थ
श्लोक २८ गा.५८
महात्मनां सत्त्ववशाद नमिऊण जिणवरिन्दे
पद्य
(पे.९) कर्मविपाक प्राचीन प्रथम कर्मग्रन्थ
गर्गर्षि
:गा.१६७
ववगयकम्मकलड़कं वीरं :पद्य
(पे.१०) बन्धशतकपंचम कर्मग्रन्थ
(पे.पृ. ८५-९०) पं.वि. : अपूर्ण, पत्र-८८ नहीं है. झेरोक्ष पत्र-३१-३४. कृ.वि. : गाथा ५४ थी ५८ मळे छे.] (पे.पृ. ९०-९९) पे.वि. : अपूर्ण. पत्रांक-१५-१६ व : १०० नहीं हैं. झेरोक्ष पत्र-३४-३६. [कृ.वि. : गाथा
१६६ थी १७८ सुधी मळे छे] (पे. पृ.-१०२-१०८) पे.वि. : अपूर्ण. गाथा-990. पत्र-१०० व १०४ नहीं है. झेरोक्ष पत्र-३७-४०.. कृ.वि. : गाथा ९० थी ११२ सुधी मळे छे. (पे. पृ. १०८-११५) पं.वि. : संपूर्ण. झेरोक्ष पत्र४०-४३. कृ.वि. : चन्द्रमहत्तरीयानुसार। गाथाओ ८३ थी ९१ सुधी मळे छे. (पे. पृ. ११५-१२२) पे.वि. : संपूर्ण. झेरोक्ष पत्र४४-४६./
शिवशर्मसूरि
प्रा............: गा. १११.
अरहन्ते भगवन्ते अणू .....पथ
शतक प्राचीन पञ्चम कर्मग्रन्थ (पे.११) सत्तरिया
सप्ततिका षष्ठ प्राचीन कर्मग्रन्थ
चन्द्रर्षि महत्तर
सिद्धपएहि महत्थं
:पद्य
(पे.१२) षडशीति प्राचीन कर्मग्रन्थ आगमिकवस्तुविचारसार प्रकरण षडशीतिभाष्य आगमिकवस्तुविचारसारप्रकरण प्राचीन चतुर्थ कर्मग्रन्थ षडशीति (पे.१३) गुणस्थानक
जिनवल्लभप्रा .
गा.८६
निच्छिन्नमोहपास
पद्य
कृ.वि.: गाथा १०४ सुधी मळे छे.
गा.१६
जीवाइपयत्थेसु जिणोवइ पद्य
(ये.प्र. १२२-१२३) पे.वि. : संपूर्ण गाथा-१३. झेरोक्ष पत्र-४-४७. प्रारंभिक कुछ गाथाएं