SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 596
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ הפרכתנתברברנתברכתככרכתכתבתכתבתפרפתפתכתפהפהפהפהפהפהפהפהפהפהפה उन्दरण का प्रारम्भिक अंश उद्धरण पृष्ठ संख्या संख्या 791 326 398 987 620 732 264 308 304 142 1133 723 608 615 1068 478 823 744 140 1123 46 617 260 262 435 208 335 312 64 454 297 309312 253 708 弱叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩叩弱 विलनश्च गले बालः... विवत्ती बंभचेरस्स... विवेकः संयमो ज्ञानं... विषकण्टकशस्त्राग्नि... विषास्त्रहलयन्त्रायो... विश्वस्तो मुग्धधीर्लोक... विश्वेश्वरादयो ज्ञेया... विसप्पे सव्वओ धारे... विसयविसउदीरएसु... विहरन्तो अहीं कृत्सां... विहलो जो वावारो... विहाय धर्मं शमशील... वीतरागो विमुच्येत... वुड्ढाणुरागो विणीओ... वृक्षादिच्छेदनं भूमि... वृषभान् दमय, क्षेत्रं... वेज्जावधणिमित्तं... वेराई कुव्वती वेरी... वैरिघातो नरेन्द्रत्वं... व्ययमायोचितं कुर्वन् व्यलीकभाषणेन दुःखं... व्यलीकात् परुषादात्म... व्यसनात् पुण्यबुद्धया वा... व्यापारवैमनस्याद्... व्यामोहात्सुलसाप्रियस्स... व्युत्थानावस्थायां... व्रतानां प्रल्यनीका ये... शकटानां तदंगाना... शकटोक्षलुलायोष्ट्र... शतावरीविरूढानि... शमशीलदयामूलं... शमाम्बुभिः क्रोधशिखी... शयनासन-निक्षेपादान... 735 742 582 234 उद्धरण का उद्धरण पृछ। प्रारम्भिक शि संख्या संख्या शरीरान्तर्मलत्यागः... 1001402 शरीरेण सुगुप्तेन... 243 109 शश्वद्विकासिकुसुमै... 1142461 शान्तस्वनैर्नदन्ति स्म... 1144 शान्त्यर्थं देवपूजार्थं.. शाम्यन्ति जन्तवः क्रूरा... 1131 शाम्यन्ति योगिभिः कूरा... शीलं वदं गुणो वा... 232 शुद्धमार्गमतोद्योगः... शुभपरिणामसमन्वितस्यापि... 86 शूलचक्रासिकोदण्डैः... शोकं भयमवसादं... 810 श्रुतं सुविहितं वेदो... 600 श्रुते दृष्टे स्मृते... 1119 श्रूयते प्रणिपातेन... 273 श्रूयते सर्वशास्त्रेषु... 367 संकल्पाच्छालिमत्स्यो... 181 संकल्पात् कृतकारित... 676 संगणिमित्तं कुद्धो... संगणिमित्तं मारेइ... 446 संगात् कामस्ततः क्रोधः..... 440 535 संज्ञादिपरिहारेण... 1005 संतानघातिनः पुंसः... 288 संतिमा तहिया भासा... 972 संतिमे सुहमा पाणा... 1015 1045 संतिविरतिं उवसमं... 381 संधिं लोगस्स जाणित्ता... 842 संबुज्झमाणे उ णरे.. 1017 संयुक्ताधिकरणत्वम्... संरम्भ-समारम्भे... 907 364 908 365 104 310 737 454 707 295 890 360 1008 404 727 305 769 320 18982 58 17 871 714 300 302 654 274 610 260 550 242 1003403 354 718 759 卐yEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEE EEEEEEEEEEEE (जैन संस्कृति खण्ड/566
SR No.016129
Book TitleAhimsa Vishvakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSubhadramuni
PublisherUniversity Publication
Publication Year2004
Total Pages602
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy