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________________ ___ FFERESHEESE FESTYLEHESH 卐 से भिक्खू वा इत्थी आमंतेमाणे आमंतिते य अपडिसुणेमाणे णो एवं वदेजाहोली ति वा, गोली ति वा, इत्थिगमेणं णेतव्वं । (528) से भिक्खू वा इत्थी आमंतेमाणे आमंतिते य अपडिसुणेमाणे एवं वदेजा卐 आउसो ति वा भगिणी ति वा, भोई ति वा, भगवती ति वा, साविगे ति वा, उवासिए जति वा, धम्मिए ति वा, धम्मप्पिए ति वा। एतप्पगारं भासं असावजं जाव अभिकंख भासेजा। (529) (आचा. 2/4/1 सू. 524-529) जो भाषा सत्या है, जो भाषा मृषा है, जो भाषा सत्यामृषा है, अथवा जो भाषा असत्यामृषा है, इन चारों भाषाओं में से जो मृषा-असत्या और मिश्रभाषा है, उसका के व्यवहार साधु-साध्वी के लिए सर्वथा वर्जित है। केवल सत्या और असत्यामृषा卐 (व्यवहारभाषा का प्रयोग ही उसके लिए आचरणीय है।) उसमें भी यदि सत्यभाषा सावध, अनर्थदण्ड क्रिया युक्त, कर्कश, कटुक, निष्ठर, कठोर, कर्मों की आस्रवकारिणी तथा छेदनकारिणी, भेदनकारिणी, परितापकारिणी, उपद्रवकारिणी एवं प्राणियों का विघात म करने वाली हो तो विचारशील साधु को मन से विचार करके ऐसी सत्यभाषा का भी 卐 प्रयोग नहीं करना चाहिए। (524) जो भाषा सूक्ष्म (कुशाग्रबुद्धि से पर्यालोचित होने पर) सत्य सिद्ध हो, तथा जो असत्यामृषा भाषा हो, साथ ही ऐसी दोनों भाषाएं असावद्य, अक्रिय, ... जीवों के लिए # अघातक हों तो संयमशील साधु मन से पहले पर्यालोचन करके इन्ही दोनों भाषाओं का ॐ प्रयोग करे।(525) साधु या साध्वी किसी पुरुष को आमंत्रित (सम्बोधित) कर रहे हों, और आमंत्रित करने पर भी वह न सुने तो उसे इस प्रकार न कहे- "अरे होल (मूर्ख), रे गोले! या हे गोल! ऐ वृषल (शूद्र)! हे कुपक्ष (दास, या निन्द्यकुलीन) अरे घटदास (दासीपुत्र) ! या ओ 卐 कुत्ते! ओ चोर! अरे गुप्तचर! अरे झूठे, ऐसे (पूर्वोक्त प्रकार के) ही तुम हो, ऐसे (पूर्वोक्त प्रकार के) ही तुम्हारे माता-पिता हैं।" विचारशील साधु इस प्रकार की सावध, सक्रिय यावत् जीवोपघातिनी भाषा न बोले। (526) संयमशील साधु या साध्वी किसी पुरुष को आमंत्रित कर रहे हों, और आमंत्रित म करने पर भी वह न सुने तो उसे इस प्रकार सम्बोधित करे- हे आयुष्मन् ! हे आयुष्मानों! ओ 卐 9 श्रावकजी! हे उपासक! धार्मिक! या हे धर्मप्रिय! - इस प्रकार की निरवद्य......भूतोपघातरहित भाषा विचारपूर्वक बोले। (527) FFFFFFFFFEEEEEEEEEEEEEEEEEEFFERENT अहिंसा-विश्वकोश/3871
SR No.016129
Book TitleAhimsa Vishvakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSubhadramuni
PublisherUniversity Publication
Publication Year2004
Total Pages602
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size16 MB
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