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________________ *$$$$$$$$$$$$$$$ $$$$$$$$$ 卐 卐 編編編蛋 卐 新卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐 (611) स्यान्निरामिषभोजित्वं शुद्धिराहारगोचरा । सर्वङ्कषास्तु ते ज्ञेया ये स्युरामिषभोजिनः ॥ अहिंसाशुद्धिरेषां स्याद् ये निःसङ्गा दयालवः। रता: पशुवधे ये तु न ते शुद्धा दुराशयाः ॥ शुद्धता तेषां विकामा ये जितेन्द्रियाः । संतुष्टाश्च स्वदारेषु शेषाः सर्वे विडम्बकाः ॥ इति शुद्धं मतं यस्य विचारपरिनिष्ठितम् । स एवाप्तस्तदुन्नीतो धर्मः श्रेयो हितार्थिनाम् ॥ 卐 मांसरहित भोजन करना आहार-विषयक शुद्धि कहलाती है । जो मांसभोजी हैं उन्हें 馬 सर्वघाती समझना चाहिए। अहिंसा-शुद्धि उनके होती है जो परिग्रहरहित हैं और दयालु हैं, परन्तु जो पशुओं की हिंसा करने में तत्पर रहते हैं वे दुष्ट अभिप्राय वाले शुद्ध नहीं हैं। जो ! कामरहित जितेन्द्रिय मुनि हैं उन्हीं के कामशुद्धि मानी जाती है अथवा जो गृहस्थ अपनी 卐 卐 卐 馬 स्त्रियों में संतोष रखते हैं उनके भी कामशुद्धि मानी जाती है परन्तु इनके सिवाय जो अन्य 馬 लोग हैं वे केवल विडम्बना करने वाले हैं। इस प्रकार विचार करने पर जिसका मत शुद्ध हो वही 'आत' कहला सकता है और उसी के द्वारा कहा हुआ धर्म ही हित चाहने वाले लोगों क के लिए कल्याणकारी हो सकता है । 卐 卐 (आ. पु. 39/29-32) अहिंसक वेश-भूषा व स्वभाव वाले ही देव व गुरु मान्य (612) ये स्त्री-शस्त्राक्षसूत्रादिरागाद्यङ्ककलंकिताः । निग्रहानुग्रहपरास्ते देवा: स्युर्न मुक्तये ॥ $$$$$$$$ 编鲷 (है. योग. 2/6) जो देव स्त्री, शस्त्र, जपमाला आदि रागादिसूचक चिह्नों से दूषित हैं, तथा शाप और वरदान देने वाले हैं, ऐसे देवों की उपासना आदि से मुक्ति का प्रयोजन सिद्ध नहीं होता । 编卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐 अहिंसा - विश्वकोश | 261 / 卐 卐 馬 筑
SR No.016129
Book TitleAhimsa Vishvakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSubhadramuni
PublisherUniversity Publication
Publication Year2004
Total Pages602
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size16 MB
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