SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 109
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 疒 $$$$$$$$$$$$$ 卐 卐 馬 馬 编卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐 2 卐 卐 हिंसा - निन्दा एवं अहिंसा - महिमा यज्ञ-हिंसा का समर्थन करने से दुर्गति (राजा वयु की पौराणिक कथा) (187) अजैर्यष्टव्यमित्यत्र धान्यैस्त्रैवार्षिकैरिति । व्याख्यां छागैरिति परावर्त्यागान्नरकं वसुः ॥ (सा. ध. 8 / 85) 卐 'अजैर्यष्टव्यम्' इस वेद वाक्य में 'अज' की तीन वर्ष पुराना धान्य- इस व्याख्या को बकरे में बदल देने से राजा वसु नरक में गया। [ अजैर्यष्टव्यम् का अर्थ है- अज से यज्ञ करना चाहिए। यहां अज का अर्थ है- तीन वर्ष पुराना धान । 馬 ● हिंसक यज्ञ की परम्परा का प्रवर्तक: महाकाल असुर (पौराणिक आख्यान ) किन्तु राजा वसु ने अज का अर्थ किया- बकरा। उसने बकरे की बलि देकर हिंसक यज्ञ किये जाने का समर्थन 卐 किया था। परिणाम स्वरूप उसे नरक गति प्राप्त: थी। सम्बद्ध पौराणिक कथा के विस्तार हेतु इस ग्रन्थ के अन्त में देखें- परिशिष्ट- 1] 筑 (188) कृत्वा पापमदः क्रुधा पशुवधस्योत्सूत्रमाभूतलं, हिंसायज्ञमवर्तयत् कपटधीः क्रूरो महाकालकः । तेनागात्स वसुः सपर्वतखलो घोरां धरां नारकीं, दुर्मार्गान् दुरितावहान्विदधतां नैतन्महत्पापिनाम् ॥ (उ. पु. 67/471 ) $$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$$ कपट रूप बुद्धि को धारण करने वाले क्रूरपरिणामी महाकाल असुर ने क्रोधवश 编卐卐卐卐卐卐编卐卐卐 编 卐 अहिंसा - विश्वकोश | 81 ] 卐 卐
SR No.016129
Book TitleAhimsa Vishvakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSubhadramuni
PublisherUniversity Publication
Publication Year2004
Total Pages602
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy