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________________ धृतराष्ट्र प्राचीन चरित्रकोश धृतराष्ट्र ८४. वीर, ८५. वीरबाहु, ९६. व्यूढोरू,६०. सत्यसंघ, २९. | विरोचन, शत्रुजय, शत्रुसह, श्रुतर्वन् , श्रुतायु, श्रुतांत, सम, ६१. सहस्रवाक, ४५. सुकुंडल, १५. सुबाहु, ११. संजय, सुचारू, सुचित्र, सुजात, सुदर्शन, सुलोचन। . सुलोचन, ७२. सुवर्चस् , ४०. सुवर्मन् , ३५. सुषेण, ७०.| इनका उल्लेख द्रौपदी स्वयंवर, घोषयात्रा, उत्तरगोग्रहण सुहस्त, ३४. सेनापति, ५६. सोमकीर्ति, १००. दुःशला, | भारतीय युद्ध आदि प्रसंग में आया है (म. आ. १७७, (कन्या) तथा, १०१. युयुत्सु (वैश्यापुत्र) (म. आ. भी. ६०, ७३, ७५, ८४; द्रो. १३१; १३२; वि. ३३; ६८. परि. १ क्र. ४१.)। क. ६२; श. २५)। नामावलि क्र. २:-- ७८. अग्रयायिन् , ९१. अना- | उपरिनिर्दिष्ट नामावलियों में कुछ नाम बार बार आये धृष्य, १०. अनुविंद, ५७. अनूदर, ६७. अपराजित, | हैं। कई जगह समानार्थक दूसरे शब्द का उपयोग किया ८८. अभय, ४०.अयोबाहु, ८७. अलोलुप, ७५. आदित्य- | गया है। इन नामावलि में प्राप्त पुत्रों की कुल संख्या भी केतु, ८४. उग्र, ६३. उग्रश्रवस् , ६४. उग्रसेन (अश्व- | सौ से अधिक है। किंतु उन में से सही नाम कौन से है, उग्रसेन), ४७. उग्रायुध, २४. उपचित्र, ३५. उपनंदक, | इसका निर्णय करने का कुछ भी साधन प्राप्त नहीं है। - ३२. ऊर्णनाभ, १००.कनकध्वज, १७. कर्ण, ७९. कवचिन् , २. नागकुल का एक नाग। यह वासुकि का पुत्र था। ४९, ८२. कुंडधार, ९२. कुंडभेदिन् , ६८. कुंडशायिन् , अर्जुन के अश्वमेध यज्ञ के समय, अर्जुन एवं उसका १०१.कुंडा शिन् , ८१. कुंडिन् , ८०.क्रथन, २६.चारुचित्र, पुत्र बभ्रुवाहन में युद्ध संपन्न हुआ । उस युद्ध में, अर्जुन. २३. चित्र, ४२, ९४. चित्रकुंडल, ३६. चित्रबाण, ३७. | का सिर बभ्रुवाहन ने तोड़ दिया। फिर अर्जुन को पुन: चित्रवर्मन् , २५. चित्राक्ष, ४१. चित्रांग, ५० चित्रायुध, जीवित करने के लिये, 'मृतसंजीवक' नामक मणि की ५९. जरासंध, ६. जलसंघ, ९८. दीर्घबाहु, ९७. दीर्घ खोज़, बभ्रुवाहन ने शुरू की । वह मणि शेष नाग के पास रोमन, ७०. दुराधर, ११.दुर्धर्ष, २८. दुर्मद, १४. दुर्मर्षण, था, एवं उसके रक्षण का काम धृतराष्ट्र नाग पर सौंपा । १५. दुमुख, १. दुयाधन, २९. दुावगाह, २९. दुाव | गया था। उसने बभ्रवाहन को वह मणि देने से इन्कार मोचन, ५. दुःशल, ३. दुःशासन, ४. दुःसह, १६. दुष्कर्ण, कर दिया। ६६. दुष्पराजय, १३. दुष्प्रधर्षण, ५५. दृढक्षत्र, ९०. दृढरथाश्रय, ५४. दृढवर्मन् , ५८. दृढसंध, ७१. दृढहस्त, पश्चात् धृतराष्ट्र एवं बभ्रुवाहन का युद्ध हो कर, बभ्रु८३. धनुर्धर, ३४. नंद, ७७. नागदत्त, ५१. निषंगिन्, | वाहन ने वह मणि छीन लिया । उस मणि के कारण, ५२. पाशिन् , ९५. प्रमथ, ९६. प्रमाथिन् , ४६. बलवर्धन, | अर्जुन पुनः जीवित हो जावेगा, यह धृतराष्ट्र को अच्छा ४५. बलाकिन् , ७६. बह्वाशी, ४४. भीमबल, ८५.भीमरथ, न लगा। इसने अपने पुत्रों के द्वारा अर्जुन का सिर चुरा ४३. भीमवेग, २. युयुत्सु, ८९. रौद्रकर्मन् , ७३. वातवेग, | लिया, एवं उसे बक दाल्भ्य के आश्रम में फेंक दिया १३. विकटानन, १९. विकर्ण, ९. विंद, १०२. विरजसं, (जै. अ. ३९)। ९३. विराविन् , ३०. विवित्सु, १८. विविंशति, ६९. | ३.कश्यप एवं कद्रू से उत्पन्न एक नाग (म. आ. विशालाक्ष, ८६, वीरबाहु, ५३. वृंदारक, ९६. व्यूढोरस् , | ३१.१३)। यह वरुण की सभा में रह कर, उसकी २७. शरासन, २०. शल (शरसंध), ६०. सत्यसंध, २१. | उपासना करता था (म. स. ९.९)। नागों द्वारा पृथ्वी सत्व, ६१.सद, ७. सम, ८. सह, ३३. सुनाथ, १२. सुबाहु, के दोहन के समय, यह दोग्धा बनाया गया था (म. २२. सुलोचन, ७४. सुवर्चस् , ३८. सुवर्मन् , ६२.सुवाक, | द्रो. परि. १.८.८०६)। इसे शिवजी के रथ के ४८. सुषेण, ७२. सुहस्त, ६५. सेनानी, ५६. सोमकीर्ति, 'ईषादण्ड' में स्थान दिया गया था (म. क. ३४.७२)। एवं १०३. दुःशला (कन्या)(म.आ. १०७.२-१४)। बलराम के शरीरत्याग के समय, उस 'भगवान् अनंतनाग' ___ नामावलि क्र.३--अनाधृष्टि, अयोभुज, अलंबु, उपनद, के स्वागत के लिये, यह प्रभासक्षेत्र के समुद्र में उपस्थित करकाय. कंडक. कंडभेदिन, कंडलिन. काथ, खजिन हुआ था (म. मौ. ५.१४ )। चित्रदर्शन, चित्रसेन, चित्रोपचित्र, जयत्सेन, जैत्र, तुहुंड, ४. एक देवगंधर्व । यह कश्यप एवं मुनि का पुत्र था दीप्तलोचन, दीर्घनेत्र, दुर्जय, दुर्धर, दुर्धर्षण, दुर्विषह, (म. आ. ५९.४१)। यह अर्जुन के जन्मोत्सव में उपस्थित दुष्प्रधर्ष, दृढ, नंदक, पंडित, बाहुशालिन् , भीम, भीम- | था (म. आ. ११४.४४)। देवराज इन्द्र ने इसे दूत के गरत, भूरिबल, मकरध्वज, रवि. वायवेग, विराज, | नाते मरुत्त के पास भेजा था (म. आश्व. १०.२-८)। ३२८
SR No.016121
Book TitleBharatvarshiya Prachin Charitra Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSiddheshwar Shastri Chitrav
PublisherBharatiya Charitra Kosh Mandal Puna
Publication Year1964
Total Pages1228
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size32 MB
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